गूगल ने याद किया भारत की पहली महिला डॉक्टर आनंदी गोपाल जोशी को, जानें क्या था उनका सपना
गूगल आज भारत की पहली महिला डॉक्टर आनंदी गोपाल जोशी को याद कर रहा है। देश की पहली महिला डॉक्टर का जन्म महाराष्ट्र में 1865 में हुआ था। आज आनंदी गोपाल जोशी की 153वीं जयंती है। गूगल के डूडल में वह अपने हाथ में डिग्री पकड़ी हुईं है और उन्होंने अपने गले में स्टेथोस्कोप भी लटका रखा है। आनंदी गोपाल जोशी की बायो के मुताबिक वह 1886 में मेडिकल डिग्री के साथ भारत आईं उस समय उनकी उम्र मात्र 20 साल थी। आनंदी गोपाल जोशी की जिंदगी की कहानी साहस और संघर्ष की है। मात्र 9 साल की उम्र में उनकी शादी एक विधुर से कर दी गई थी, उनके पति का नाम गोपाल राव जोशी था, जो उनसे 20 साल बड़े थे। गोपाल राव प्रगतिशील सोच के इंसान थे उन्होंने अपनी पत्नी को पढ़ने के लिए प्रेरित किया और उन्हें आनंदी नाम दिया।
14 साल की कच्ची उम्र में आनंदी गोपाल जोशी ने एक लड़के को जन्म दिया, लेकिन वह मेडिकल सुविधाओं के अभाव में तुरंत मर गया। कहा जाता है कि इस वाकये ने आनंदी की जिंदगी पर घोर असर डाला उन्हें दुख तो हुआ लेकिन चिकित्सा और मेडिसिन में उनकी दिलचस्पी बढ़ गई। उनके पति ने उनकी इस रुचि को बढ़ाया और 16 साल की उम्र में पढ़ने के लिए उन्हें उस समय अमेरिका भेज दिया। आनंदी गोपाल जोशी ने पेंसिलवानिया के वूमेंस मेडिकल कॉलेज से डिग्री ली और एक ख्वाब के साथ भारत लौटीं। उनका सपना था महिलाओं के लिए मेडिकल कॉलेज खोलने का।
हालांकि किस्मत को कुछ और मंजूर था। जोशी की सेहत अच्छी नहीं रही और वह टीबी की वजह से 26 फरवरी 1887 को इस दुनिया से चली गईं। हालांकि जोशी अपने सपने को साकार नहीं कर सकीं, लेकिन वह अपने सपनों का पीछा कर लड़कियों के लिए मिशाल बन गईं।बता दें कि शुक्र ग्रह पर एक क्रेटर का नाम उनके नाम पर रखा गया है। गूगल द्वारा अपने होम पेज पर लगाये गये इस तस्वीर को कश्मीरा सरोदे ने डिजाइन किया है।