भागलपुर हिंसा के आरोपी और केंद्रीय मंत्री के बेटे अर्जित चौबे ने पटना में जाकर किया सरेंडर
केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित चौबे ने देर रात हाई वोल्टेज ड्रामे के बीच पटना में सरेंडर कर दिया है। शनिवार (31 मार्च) को भागलपुर की एक अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके कुछ ही घंटों के बाद शाश्वत ने सरेंडर कर दिया। शाश्वत भागलपुर में सांप्रदायिक हिंसा से संबद्ध एक मामले में गिरफ्तारी का सामना कर रहे हैं। शाश्वत देर रात अपने समर्थकों के साथ पटना स्थित महावीर मंदिर के पास पहुंचे और सरेंडर किया। हालांकि पटना पुलिस इसे गिरफ्तारी बता रही है। अपने खिलाफ दर्ज FIR को पूरी तरह झूठ बताते हुए अर्जित ने कहा कि वह इंसाफ के लिए ऊपरी अदालत में जाएंगे। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक समर्पण करने से पहले उन्होंने कहा , “मैं सरेंडर करने जा रहा हूं, हमलोग ऊपरी अदालत में जाएंगे, मेरे खिलाफ दर्ज एफआईआर झूठ है।” शाश्वत चौबे ने कहा कि अगर जय श्री राम कहना अपराध है तो वह भी अपराधी हैं। शाश्वत चौबे ने कहा कि इस मामले में नाथनगर पुलिस का रवैया असंतोषजनक है। उन्होंने कहा कि आखिर बम फेंकने वालों पर, गोली चलाने वालों पर पुलिस कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है। इससे पहले उन्होंने समर्पण करने से इंकार कर दिया था और कहा था कि वह कोई अपराधी नहीं हैं।
अर्जित शाश्वत की गिरफ्तारी के दौरान जमकर हंगामा हुआ। इस दौरान अर्जित के समर्थक जय श्री राम और वंदे मातरम के नारे लगा रहे थे। अर्जित ने कहा कि उन्होंने सदा ही अदालत का सम्मान किया है। उन्होंने कहा कि जैसे ही उन्हें पता चला कि अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई है, वह सरेंडर करने के लिए पहुंच गये।
शनिवार को भागलपुर के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश कुमुद रंजन ने 38 वर्षीय शाश्वत की जमानत याचिका खारिज की थी। शाश्वत के वकील वीरेश कुमार मिश्रा ने बताया कि अदालत ने एक पंक्ति का आदेश सुनाते हुए कहा कि अर्जित शाश्वत की याचिका खारिज की जाती है। एक सप्ताह पहले अपने खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद शाश्वत ने अदालत का रुख किया था। 17 मार्च को दो समुदायों के बीच हिंसा भड़कने के संबंध में भागलपुर के नाथनगर पुलिस थाना में दर्ज एक प्राथमिकी में शाश्वत एवं आठ अन्य आरोपियों के नाम शामिल हैं, जिसके आधार पर उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।