मोदी विरोधी नारे लगाते हुए तिरंगे में लगाया था आग, वायरल हुआ वीडियो तो हुआ गिरफ्तार
तमिलनाडु के कुंबकोणम में पुलिस ने राष्ट्रीय धवज तिरंगा को जलाने के एक आरोपी को घटना का वीडियो वायरल होने के बाद गिरफ्तार कर लिया। इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक 34 वर्षीय आरोपी का नाम प्रभु बताया जा रहा है। वायरल वीडियो में आरोपी कहता हुए दिखाई देता है कि वह तिरंगे को जला रहा है क्योंकि केंद्र कावेरी प्रबंधन बोर्ड (सीएमबी) का गठन करने में विफल रहा, जिससे वह परेशान था। वीडियो में आरोपी मोदी और पलानीसामी विरोधी नारे भी लगाते हुए दिखाई देता है। रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी कुंबकोणम में कला के शिक्षक के तौर पर काम करता रहा है। पुलिस अब उस शख्स का पता लगाने की कोशिश कर रही है जिसने वीडियो को शूट किया। पुलिस उस जगह के बारे में भी जानकारी जुटा रही है जहां पर इस घटना को अंजाम दिया गया। बता दें कि राज्य में कावेरी प्रबंधन बोर्ड की मांग को लेकर घमासान मचा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डीएमके की अगुवाई में विपक्षी पार्टियों ने सीएमबी के गठन की मांग को लेकर 5 अप्रैल को राज्यव्यापी बंद का आह्वान भी किया है।
डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन ने इस बाबत विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर बंद के लिए समर्थन मांगा है। उन्होंने राज्य के किसानों और व्यापारियों समेत समाज के सभी वर्गों से बंद के लिए समर्थन की अपील की है। उन्होंने बंद की शुरुआत कावेरी डेल्टा क्षेत्र से करने की बात कही। उन्होंने इस मुद्दे के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए सहयोग करने वाले दलों से बातचीत करने के बाद आगे की रूपरेखा बताने की बात कही। स्टालिन ने यह भी बताया कि तमिलनाडु में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके नेताओं के आने पर काले झंडे दिखाकर विरोध जताया जाएगा। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद सीएमबी स्थापित नहीं की गई, इसलिए इस मामले में उन्हें दोषी होने का अहसास कराने के लिए ऐसा किया जाएगा।
भारत के संविधान में कावेरी को एक अंतर्राज्यीय नदी बताया गया है। कावेरी घाटी में मुख्य तौर पर कर्नाटक और तमिलनाडु आते हैं। लेकिन घाटी का एक हिस्सा केरल में भी है और समंदर में मिलने से पहले नदी पुडुचेरी के कराइकाल से होकर भी गुजरती है, इसलिए नदी के पानी के बंटवारे को लेकर चारों राज्यों में विवाद चल रहा। चारों राज्य ही कावेरी के पानी पर अपना हक जताते हैं।