मृतक भारतीयों के लिए मुआवजा: वीके सिंह बोले- ये बिस्कुट बांटने वाला काम नहीं है, जेब में कोई पिटारा नहीं रखा

यह बिस्कुट बांटने वाला काम नहीं है। यह आदमियों की जिंदगी का सवाल है। मैं अभी एलान कहां से करूं। जेब में कोई पिटारा थोड़े ही रखा हुआ है। यह कहना है केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह का। दरअसल, बगदाद से भारत पहंचने पर वीके सिंह से मृतक भारतीयों के लिए मुआवजे के संबंध में एक सवाल पूछा गया था। वीके सिंह ने इस सवाल के जवाब में कह दिया कि यह कोई बिस्कुट बांटने वाला काम नहीं है, मेरी जेब में कोई पिटारा नहीं है।

बता दें कि विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह भारतीयों का अवशेष लेने इराक गए हुए थे। सोमवार (2-04-2018) को विदेश राज्य मंत्री के विमान ने बगदाद से उड़ान भरी। विमान सबसे पहले अमृतसर में लैंड हुआ। पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू भी एयरपोर्ट पर मौजूद थे। इधर, पंजाब सरकार ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने का एलान कर दिया है। पंजाब सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपए मुआवजा और घर के एक सदस्य को नौकरी देने की बात कही है

भारतीयों का शव एयरपोर्ट पर आने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए वीके सिंह ने बतलाया कि बहुत मुश्किल से मृतकों के डीएनए सैंपल का मिलान किया जा सका है। उन्होंने इसके लिए इराक का शुक्रिया भी अदा किया। उन्होंने बतलाया कि वो खुद चार बार इराक गए, जिसके बाद ही सभी भारतीयों का शव भारत लाना मुमकिन हो सका। बता दें कि विमान से पंजाब के 27, बिहार के 6, हिमाचल के 4 और बंगाल के 2 लोगों के अवशेष भारत पहुंचे हैं। अभी 38 भारतीयों के शव इराक से लाए जा सके हैं, जबकि एक भारतीय के डीएनए मैच की प्रक्रिया अभी जारी है।

आपको बता दें कि कुछ साल पहले आतंकी संगठन ISIS ने इराक के मोसुल से 39 भारतीयों को अगवा कर लिया था। बाद में आतंकियों ने सभी भारतीयों की हत्या कर दी थी और उनके शव को सुदूर पहाड़ियों में दबा दिया था। अभी हाल ही में केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में बतलाया था कि इराक में अगवा सभी भारतीयों की हत्या हो गई है और सभी की पहचान भी कर ली गई है। इसके बाद से भारत सरकार लगातार भारतीयों के शवों को अपनी सरजमीं पर लाने के लिए प्रयासरत थी। फिलहाल, ताबूत में रखे शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं।

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