यशवंत और शत्रुघ्न सिन्हा की बगावत पर बीजेपी अनुशासन समिति अध्यक्ष ने साफ किया रुख
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने वरिष्ठ नेता व पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा, सांसद शत्रुघ्न सिन्हा और अरुण शौरी के बगावती तेवरों पर अपना रुख साफ किया है। पार्टी अनुशासन समिति के अध्यक्ष गणेश लाल ने इस बारे में कहा है कि उन्हें (नेताओं को) पार्टी से इस्तीफा दे देना चाहिए, उसके बाद वे जितनी चाहे, उतनी गालियां पार्टी को दे सकते हैं। लेकिन उन्हें पार्टी नहीं निकालेगी। आपको बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री सिन्हा, पटना साहिब से सांसद शत्रुघ्न सिन्हा और बीजेपी के नेता अरुण शौरी बीते समय से लगातार पार्टी नेतृत्व पर हमला बोलते आ रहे हैं। दोनों ही नेता कभी इशारों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हैं तो किसी मौके पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर शब्दों के बाण चलाते हैं। यहां तक कि हाल ही में ये दोनों नेता दिल्ली में बीते हफ्ते हुई बैठक में मोदी विरोधी नेताओं से भी मिले थे, जिनमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी थीं।
हालांकि, बीजेपी ने इन तीनों ही नेताओं के खिलाफ अभी तक किसी प्रकार की कार्रवाई करने का फैसला नहीं लिया है। पार्टी इसके बजाय यह चाहती है कि ये तीनों खुद ही पार्टी को अलविदा कह दें और इस्तीफा दे दें। अभी तक इन तीनों नेताओं के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई, इसका जवाब देते हुए गणेश लाल ने आगे कहा, “अमित शाह पहले ही कह चुके हैं कि शत्रुघ्न और यशवंत के बयान और सलाह ऐसे नहीं है, जिन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।”
पार्टी में अनुशासन समिति अध्यक्ष के अनुसार, यशवंत के पार्टी पर हमलों के बावजूद उनके बेटे जयंत सिन्हा को केंद्रीय मंत्री बनाया गया। ऐसे में यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। बकौल गणेश लाल, “बीजेपी में रहना और उसे व उसके नेताओं को गालियां देना ठीक नहीं है। आप इस्तीफा क्यों नहीं दे देते? आप इस तरह से बदजुबानी क्यों कर रहे हैं?”
गणेश लाल ने उन पूर्व नेताओं का उदाहरण भी दिया जिन्होंने पार्टी तो छोड़ दी थी। लेकिन गलती महसूस होने पर वे दोबारा बीजेपी में लौट आए थे। उन्होंने इसी पर कहा, “क्या उमा भारती, एम.एल. खुराना, कल्याण सिंह और अन्य ने पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया? लेकिन वे बाद में फिर पार्टी में शामिल हो गए।”