दलित हिंसा पर संसद में बोले राजनाथ सिंह- ST/SC एक्ट में कोई बदलाव नहीं, कानून को और मजबूत बनाया

केंद्रीय गृह मंत्री ने भारत बंद के दौरान हुई दलित हिंसा के मुद्दे पर मंगलवार को संसद में बयान दिया। उन्होंने लोकसभा में कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा एसटी/एससी एक्ट में कोई बदलाव नहीं किया गया है, बल्कि कानून को और मजबूत बनाया गया है। उन्होंने कहा है कि इस मामले में कई तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं, जबकि सरकार द्वारा कानून में नए अपराधों को जोड़ा गया है। इसके साथ ही राजनाथ ने सभी से शांति की अपील की है और कहा है कि राज्यों को हर तरह की मदद दी जाएगी। उन्होंने आरक्षण के मुद्दे पर कहा है कि सारी बातें जो सुनने में आ रही हैं वह अफवाह है। गृह मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दो अप्रैल को पुनर्विचार याचिका दायर कर दी गई है और याचिका पर आज (3 अप्रैल) को दोपहर दो बजे से सुनवाई होगी।

उन्होंने कहा, ”केंद्र सरकार ने पूरी तत्परता दिखाते हुए दो अप्रैल 2018 के दिन पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी। मैं कहना चाहता हूं कि आरक्षण को लेकर जो अफवाहें फैलाई जा रही हैं, वह बेबुनियाद हैं। हमारी सरकार एसटी-एससी के हितों की रक्षा के प्रति पूरी तरह से संवेदनशील हैं। मैं सभी से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं। हमने सभी राज्यों से शांति बनाए रखने के लिए एडवाइजरी भी जारी कर दी है। हमसे राज्यों द्वारा जो भी मदद मांगी गई हमने तत्परता के साथ उसे उपलब्ध कराया। राज्य सरकारों से हम लगातार संपर्क में हैं। मैं सभी राजनीतिक दलों से भी अपील करता हूं कि वे शांति और भाईचारा बनाए रखें।” केंद्रीय मंत्री जिस वक्त बयान दे रहे थे उस वक्त सदन में विपक्ष द्वारा नारेबाजी की जा रही थी। विपक्ष के नेता ‘हमें न्याय चाहिए’ के नारे लगा रहे थे।

बता दें कि एससी-एसटी एक्ट में परिवर्तन के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में दलित संगठनों ने सोमवार (दो अप्रैल) को भारत बंद बुलाया था। दलितों ने सड़कों पर आकर हिंसक प्रदर्शन किया था, जिसमें अब तक करीब 10 लोगों की जान जा चुकी है। इसके बाद सरकार ने सोमवार को कोर्ट से एससी-एसटी एक्ट कानून पर दिए गए अपने हाल के फैसले की समीक्षा करने के लिए कहा था। सरकार का तर्क था कोर्ट के फैसले से इस समुदाय के संवैधानिक अधिकारों का हनन होगा।

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