भारत बंद: कांग्रेस शासित पंजाब में हिंसा की एक भी घटना नहीं, विपक्ष को भी करनी पड़ी सीएम अमरिंदर की तारीफ

दो अप्रैल को जहां भारत बंद के दौरान देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था तो वहीं पंजाब में दलितों की संख्या काफी ज्यादा होने के बाद भी वहां हिंसा की एक भी घटना नहीं हुई। राज्य में भारत बंद को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। पंजाब सरकार ने पूरे राज्य में स्थिति को बहुत ही सही तरीके से नियंत्रित रखा। सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खुद सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया था। उन्होंने कड़ाई के साथ पूरे राज्य में पुलिसकर्मियों और सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया था।

पंजाब में किसी भी तरह की हिंसक झड़प न हो इसके लिए खुद सेना ने सोमवार को राज्य में फ्लैग मार्च किया था। फ्लैग मार्च से पहले चीफ सेक्रेटरी और डिप्टी कमिश्नर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करके सेना से सुरक्षा के इंतजाम के बारे में जानकारी ली थी। सीएम अमरिंदर ने पूरे राज्य में करीब 12000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की थी। इसके अलावा रैपिड एक्शन फोर्स की चार टुकड़ियों और बीएसएफ के जवानों को भी सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किया गया था। साथ ही सशस्त्र बलों और पैरा-सैन्य बलों को भी स्टैंडबाय में रखा गया था।

कैप्टन ने सुरक्षा बलों को कड़ी हिदायत दी थी कि अगर प्रदर्शनकारियों ने हिंसक रास्ता अपनाया तो उनके ऊपर कड़ा कदम उठाया जाए। चंडीगढ़ में कुछ प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश की थी, लेकिन पुलिस बल की तत्परता के कारण वह ऐसा नहीं कर सके। पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया। पंजाब में हिंसा की घटना न होने से विपक्ष ने भी कैप्टन अमरिंदर सिंह की तारीफ की है। बीजेपी ने सुरक्षा व्यवस्था से प्रभावित होकर एक तरफ तो सीएम की तारीफ की तो वहीं दूसरी तरफ स्कूल बंद रखने और पंजाब बोर्ड एक्जाम रद्द करने को लेकर जमकर निशाना भी साधा।

इंडिया टुडे के मुताबिक बीजेपी प्रवक्ता विनीत जोशी ने कहा, ”सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलने के बाद गुस्साए लोग पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचा सकते थे, इसलिए अगर इंटरनेट सेवा और ट्रांसपोर्ट सेवा बंद रखी गई तो इसमें कुछ गलत नहीं था क्योंकि यह पब्लिक प्रॉपर्टी के हित में था। हालांकि बैंक बंद रखने का, स्कूल बंद रखने का फैसला जनता के हित में नहीं था। विरोध खत्म होने के बाद सरकार को बस चलाने की अनुमति दे देनी चाहिए थी।” आपको बता दें कि पंजाब में चंडीगढ़ और अन्य कुछ जगहों पर थोड़ी बहुत झड़प हुई, लेकिन पुलिस ने इसे जल्द ही नियंत्रित भी कर लिया।

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