पाकिस्तान ने फिर किया सीजफायर का उल्लंघन, पुंछ में जवान शहीद, एक लेफ्टिनेंट और दो जेसीओ घायल

पाकिस्तान ने जम्मू से लगते सीमावर्ती इलाकों में एक बार फिर से संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है। पड़ोसी देश की ओर से की गई गोलीबारी में सीमा पर तैनात एक जवान शहीद हो गया। इस घटना में एक लेफ्टिनेंट, दो जेसीओ समेत चार अन्य घायल हो गए। सेना के एक अधिकारी के अनुसार, पाकिस्तानी सेना ने मंगलवार (3 अप्रैल) सुबह को पुंछ जिले में स्थित कृष्णा घाटी में अचानक से गोलीबारी शुरू कर दी थी। पड़ोसी देश के जवानों ने अग्रिम चौकी को निशाना बनाया था। दोनों पक्षों के बीच तकरीबन दो घंटे तक लगातार गोलियां चलती रहीं। इस घटना में एक सैन्य अधिकारी समेत पांच लोग घायल हो गए थे, जिसमें एक घायल जवान की इलाज के दौरान मौत हो गई। घायल सुरक्षाबलों को इलाज के लिए उधमपुर जिले में स्थित कमांड हॉस्पिटल भेजा गया है। इससे पहले, रक्षा विभाग के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल एनएन. जोशी ने सुबह सात बजे पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी शुरू होने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि भारतीय सेना उकसावे वाली कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब दे रही है। यह लगातार तीसरा दिन है जब पाकिस्तानी सेना ने पुंछ और राजौरी जिलों से लगते सीमाई इलाकों में संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए अकारण गोलीबारी की है।

तीसरे दिन भी अग्रिम चौकियों और गांवों को बनाया निशाना: पाकिस्तानी जवानों ने लगातार तीसरे दिन पुंछ और राजौरी स्थित अग्रिम चौकियों और सीमा से लगते गांवों को निशाना बनाया। एक जवान के शहीद होने के साथ ही इस साल पाकिस्तानी गोलीबारी में मारे गए जवानों और आम लोगों की संख्या 27 तक पहुंच गई है। इसमें 13 सुरक्षाबलों के जवान शामिल हैं। साल के शुरुआती तीन महीनों में ही पाकिस्तान एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखा पर 650 से ज्यादा बार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर चुका है। संघर्ष विराम उल्लंघन का दोनों देशों के बीच होने वाले व्यापार पर कोई असर नहीं पड़ा है। मंगलवार को भी पुंछ के चकंदा बाग और बारामुला के सलामाबाद (उड़ी सेक्टर) से दोनों देशों की ट्रकें आईं और गईं। ट्रेड सेंटर के अधिकारियों ने बताया कि दोनों देशों की ओर से दर्जनों ट्रकें सीमा पार की हैं। बता दें कि व्यापार के सिलसिले में मंगलवार से शुक्रवार के बीच भारत और पाकिस्तान की ओर से जरूरी सामान के साथ  ट्रकों का आवागमन होता है। पड़ोसी देश के रवैये को देखते हुए कई बार इस व्यापार को बंद करने की आवाज उठ चुकी है।

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