शिवसेना को शांत करने के लिए बीजेपी ने भेजा बड़ा ऑफर
अपने सबसे पुराने राजनीतिक दोस्त को मनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने शिवसेना को एक बड़ा ऑफर दिया है। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे से कहा है कि बीजेपी शिवसेना के प्रतिनिधि को राज्यसभा के उपसभापति का पद देने को तैयार है। राज्यसभा के वर्तमान उपसभापति पीजे कुरियन कुछ ही महीनों बाद सदन से रिटायर होने वाले हैं। यूं तो पिछले 41 सालों से इस पद पर कांग्रेस का कब्जा है। लेकिन इस बार नरेंद्र मोदी सरकार इस पद को मुख्य विपक्षी दल को नहीं देना चाहती है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक शिवसेना अभी तक इस ऑफर पर विचार ही कर रही है और पार्टी की ओर से अब तक इसका कोई जवाब नहीं दिया गया है।
बीजेपी ने शिवसेना को ये ऑफर तब दिया है जब दोनों दलों के बीच रिश्ते नाजुक मोड़ पर हैं। शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे राजनीति की नयी संभावनाओं की तलाश में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से भी मिल चुके हैं। शिवसेना के मुखपत्र सामना में नरेंद्र मोदी सरकार की लगातार आलोचना छपती रहती है। लिहाजा पार्टी बीजेपी के इस ऑफर से पसोपेश में है। रिपोर्ट के मुताबिक अगर शिवसेना यह ऑफर स्वीकार नहीं करती है तो बीजेपी इसे अपने पास रखेगी। सूत्रों के मुताबिक इस पद के लिए पार्टी सांसद भूपेन्द्र यादव का नाम आगे चल रहा है।
सूत्रों के मुताबिक शिवसेना को लगता है कि महाराष्ट्र की राजनीति में बीजेपी उसके प्रभुत्व पर लगातार कब्जा कर रही है। शिवसेना को अंदेशा है कि अगर दोनों साथ रहें तो अगले चुनाव में बीजेपी ज्यादा सीटों की मांग कर सकती है। इसलिए अगर शिवसेना बीजेपी के इस ऑफर को स्वीकार करती है तो दोनों पार्टियों को सीट शेयरिंग समेत कई मुद्दों पर गंभीरता से विचार करना होगा। इधर बीजेपी की नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना की मौजूदगी इस बात का संकेत हैं कि पार्टी बीजेपी से पूरी तरह से अपने रिश्ते खत्म नहीं करना चाहती है।
शिवसेना के लिए राज्यसभा उपसभापति के लिए उम्मीदवार चुनना भी काफी चुनौतीपूर्ण होगा। राज्यसभा में संजय राउत शिवसेना के वरिष्ठत्तम सांसद हैं। वो अपने तीसरे टर्म में हैं। संजय राउत शिवसेना के मुखपत्र सामना के एग्जीक्यूटिव एडिटर भी हैं। वेणूगोपाल धूत भी तीसरे टर्म को पूरा कर रहे हैं। लेकिन उन्हें बिजनेसमैन ज्यादा माना जाता है। राज्यसभा में शिवसेना के तीसरे सांसद हैं अनिल देसाई। जो कि अपने दूसरे टर्म में हैं। अगर ऑफर स्वीकार करने के बाद शिवसेना संजय राउत को राज्यसभा के उपसभापति का पद देती है, तो पद की गरिमा का ख्याल रखते हुए गैर राजनीतिक शख्सियत का रोल अदा करना होगा।