अनिल अंबानी की रिलायंस ने कांग्रेस नेता पर ठोंका 1000 करोड़ का मानहानि केस, अवमानना मुकदमा भी करवाएगी

अनिल अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस समूह ने मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरुपम को 1,000 करोड़ रुपये का मानहानि का नोटिस भेजा है। कंपनी बंबई उच्च न्यायालय में निरुपम के खिलाफ अवमानना याचिका भी दायर करने जा रही है। मुंबई कांग्रेस के प्रमुख संजय निरुपम ने तीन अप्रैल को आरोप लगाया था कि अडाणी ट्रांसमिशन द्वारा रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के कर्ज के बोझ से दबे मुंबई के बिजली कारोबार के अधिग्रहण के पीछे प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) का हाथ है।

कंपनी ने निरुपम के इन आरोपों को झूठा और आधारहीन बताया है। कंपनी की ओर से बुधवार (4 अप्रैल) जारी बयान में कहा गया है कि निरुपम ने रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के एकीकृत मुंबई बिजली कारोबार की अडाणी ट्रांसमिशन को बिक्री के प्रस्ताव को लेकर कई झूठे और आधारहीन आरोप लगाए हैं और इसे सरकार द्वारा फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद से जोड़ा है।

रिलायंस ने निरुपम से अपने आरोपों को वापस लेने और नोटिस मिलने के 72 घंटे में माफी मांगने को कहा है। कंपनी ने यह भी कहा कि संजय निरुपम को बिना तथ्यों की जांच किये ऐसे आरोप नहीं लगाने चाहिए और वह भविष्य में भी ऐसा ना करें। अनिल अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के शेयरधारकों ने पिछले महीने कंपनी के मुंबई के बिजली कारोबार को अडाणी ट्रांसमिशन को 18,800 करोड़ रुपये में बेचने की मंजूरी दी थी। इस अधिग्रहण के बाद अडाणी समूह के पास मुंबई में करीब 30 लाख उपभोक्ताओं को 1,800 मेगावॉट बिजली आपूर्ति की जिम्मेदारी आ जाएगी। साथ ही उसे 500 मेगावॉट की ताप बिजली उत्पादन क्षमता भी मिलेगी।

इस बारे में संपर्क करने पर निरुपम ने विचलित हुए बिना कहा कि वह लोगों के लिए ऐसे मुद्दे उठाते रहेंगे। कांग्रेस नेता ने कहा कि किसी सौदे में पारर्दिशता की मांग करना क्या मानहानि है। यदि यह मानहानि है तो होने दीजिए। उन्होंने कहा कि मानहानि के जरिये मुझे डराने के बजाय कंपनी को उपनगर मुंबई के 30 लाख बिजली उपभोक्ताओं के लिए यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनपर बिजली की बढ़ी दरों का बोझ नहीं डाला जाएगा। उन्होंने बताया कि बंबई उच्च न्यायालय में उनके खिलाफ 100 करोड़ रुपये के मानहानि के मामले पहले से लंबित हैं।

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