सुशील मोदी की मौजूदगी में बोले नीतीश कुमार- भ्रष्‍टाचार नहीं सहा, सांप्रदायिकता भी मंजूर नहीं

बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने इस बार उप मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी की मौजूदगी में साफ किया है कि वो भ्रष्टाचार और साम्प्रदायिकता दोनों नहीं बर्दाश्त करेंगे। बता दें कि पिछले दिनों भी नीतीश कुमार ने कहा था कि जब उन्होंने भ्रष्टाचार से समझौता नहीं किया और महगठबंधन तोड़ दिया तो फिर किसी अन्य गठबंधन में रहकर साम्प्रदायिकता कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं। उन्होंने साफ किया कि उनकी सरकार सामाजिक सद्भाव और सुशासन के रास्ते पर चलती है। इसके रास्ते में वो कोई भी रोड़ा अटकने नहीं दे सकते। नीतीश ने साफ किया कि वो वोट की चिंता नहीं करते हैं और सिद्धांतों से भी समझौता नहीं करते हैं।

माना जा रहा है कि सुशील मोदी की मौजूदगी में सीएम नीतीश का यह बयान बीजेपी को कड़ा संदेश है। सीएम अपनी छवि को लेकर हमेशा सजग रहे हैं। नीतीश कुमार मिस्टर क्लीन के रूप में चर्चित रहे हैं लेकिन हाल के दिनों में उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है। रामनवमी के आसपास बिहार के करीब दर्जनभर जिलों में साम्प्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी। इससे देशभर में नीतीश कुमार की किरकिरी हुई थी। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने भी आरोप लगाया था कि नीतीश कुमार बीजेपी की कठपुतली बन गए हैं और बेबस और लाचार हो गए हैं।

हालांकि, दरभंगा के एक गांव में जमीनी विवाद को मोदी चौक के नाम हुई हत्या करार देने पर भी नीतीश कुमार ने बीजेपी नेताओं को आड़े हाथ लिया था। बता दें कि केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने जमीनी विवाद मानने से इनकार कर दिया था और इसे जातीय रंग देने की कोशिश की थी। बाद सुशील कुमार मोदी ने भी इसे जमीनी विवाद करार दिया था और लोगों से शांति बरतने और अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की बात कही थी। बीजेपी के इन दोनों नेताओं ने अररिया उप चुनाव में भी आपत्तिजनक बयान दिए थे और कहा था कि अगर राजद उम्मीदवार की जीत वहां से होती है तो अररिया आईएसआई का गढ़ बन जाएगा। भागलपुर तनाव मामले में भी केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित की गिरफ्तारी में देरी पर नीतीश की आलोचना हुई थी।

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