समस्तीपुर: नीतीश सरकार ठीक कराएगी मस्जिद, सहयोगी भाजपा ने उठाए सवाल
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समस्तीपुर दंगे में क्षतिग्रस्त मस्जिद और एक मदरसे को ठीक कराने का फैसला किया है। बिहार सरकार ने इसके लिए फंड भी जारी कर दिया है। नीतीश सरकार के इस फैसले पर सहयोगी भाजपा ने ही सवाल उठा दिए हैं। समस्तीपुर के जिला भाजपा अध्यक्ष राम सुमिरन सिंह ने राज्य सरकार के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि हिंसा में दोनों समुदायों के लोग प्रभावित हुए थे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार ने एक खास समुदाय को मुआवजा देने का निर्णय लिया है। उन्होंने पुलिस द्वारा भाजपा समर्थकों को निशाना बनाने और उन्हें गिरफ्तार करने का भी आरोप लगाया है। बजरंग दल के नेता आरएन. सिंह ने नीतीश कुमार पर तुष्टिकरण की नीति अपनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि उनका संगठन सरकार के इस निर्णय का विरोध करेगा। आरएन. सिंह ने कहा, ‘भाजपा हिंदुत्व को लेकर सिर्फ बातें करती है। पार्टी में सीधे तौर पर नीतीश पर हमला बोलने का साहस नहीं है। पहली बात तो यह है कि उनके साथ (नीतीश कुमार) जाने की जरूरत ही क्या थी? भाजपा को नीतीश से गठजोड़ तोड़ लेना चाहिए।’ बजरंग दल के नेता ने कहा कि ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाने में कुछ भी गलत नहीं है, क्योंकि मुस्लिम समुदाय भी ऐसी ही परंपरा का अनुसरण करते हैं। समस्तीपुर के रोसड़ा में मार्च में हिंसा भड़क गई थी।
मस्जिद और मदरसा के लिए जारी किया फंड: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समस्तीपुर दंगे में क्षतिग्रस्त हुए गुदरी मस्जिद और जिया-उल-उलूम मदरसा को ठीक कराने के लिए 2.13 लाख रुपये आवंटित कर दिए हैं। बिहार सरकार ने बुधवार (4 अप्रैल) को इस बाबत आदेश जारी किया था। रामनवमी जुलूस के दौरान औरंगाबाद में भी हिंसा हुई थी। इसमें कई दुकानों को जला दिया गया था। राज्य सरकार ने प्रभावित लोगों को मुआवजा देने के लिए 25 लाख रुपये जारी किए हैं। इसके अलावा नवादा हिंसा की चपेट में आए छह लोगों के लिए साढ़े आठ लाख रुपये का फंड जारी किया गया है। नवादा में भगवान हनुमानजी की मूर्ति क्षतिग्रस्त करने के बाद हिंसा भड़क उठी थी। बता दें कि सबसे पहले भागलपुर में सांप्रदायिक तनाव हुआ था। इसके बाद मुंगेर, समस्तीपुर, नवादा और औरंगाबाद में भी हिंसक घटनाएं हुई थीं। नीतीश सरकार ने इनमें से तीन जिलों के प्रभावितों के लिए मुआवजा जारी किया है, जिसके बाद राजनीतिक विवाद उठ गया है।