बीमारी दूर करने के नाम पर तांत्रिक ने किया था महिला से दो बार बलात्कार, हुई 24 साल की सजा

उत्तर प्रदेश में एक आश्रम में तांत्रिक की काली करतूत सामने आई थी. बताया जा रहा है की पेट की बीमारी ठीक करने का बहाना बनाकर उस तांत्रिक ने बार महिला से दो बार बलात्कार किया। कहा था कि यह सब (ज्यादती) नींबू प्रकिया का हिस्सा है।

महिला ने जब उसका विरोध किया तो आरोपी तांत्रिक ने उसे और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी थी। बाद में महिला ने इस बारे में पति को बताया, जिसके बाद मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट जा पहुंचा। कोर्ट ने आरोपी तांत्रिक को 24 साल की जेल की सजा सुनाई है और 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। यह सनसनीखेज घटना वृंदावन के आश्रम की है। मूल रूप से हाथरस की रहने वाली पीड़िता जुलाई में पिछले साल यहां आई थी। उसे पेट में दर्द की शिकायत थी, जिससे छुटकारा पाने के लिए वह आश्रम आई थी। पति और चार वर्षीय बच्ची भी तब उसके साथ थी। वे यहां बाबा द्वारकादास नाम के शख्स से मिले थे।

अधिकारियों के अनुसार, द्वारकादास ने महिला से कहा था कि उसे आश्रम के कमरे में ठहरना होगा, जहां रात 10 बजे वह उसका इलाज करेगा। तांत्रिक ने दावा किया था कि रात में महिला पर बुरी शक्तियां हावी होती हैं। आरोपी ने उसके पति और बच्ची को उस दौरान आश्रम में नीचे रुकने के लिए कहा था। तांत्रिक ने इसके बाद महिला का पेट दर्द दूर करने के बहाने बलात्कार को अंजाम दिया।

इधर, पीड़िता का पति व बच्ची आश्रम में जब देर रात सो गए, तब भी आरोपी ने दूसरी बार महिला को अपनी दरिंदगी का शिकार बनाया।तांत्रिक ने बहाना बनाया था कि उसने महिला के साथ जो किया, वह नींबू प्रक्रिया का हिस्सा था। यही नहीं, पीड़िता ने जब तांत्रिक का विरोध किया तो उसने उसे चुप रहने की नसीहत दी। कहा कि अगर वह किसी से भी इस बारे में कुछ कहेगी तो परिवार के लिए अंजाम अच्छा नहीं होगा। घटना के बाद महिला वहां से पति और बच्ची के साथ हाथरस लौट आई, जहां उसने पति को पूरा मामला बताया।

पीड़ित पक्ष इस बाबत शिकायत को लेकर पुलिस के पास पहुंचा, जहां से मामला मथुरा की फास्ट ट्रैक कोर्ट में पहुंचा। यहां एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने आरोपी पर  24 साल की सजा और 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। अगर यह रकम नहीं चुकाई गई तो आरोपी को 27 महीने के लिए जेल की अतिरिक्त सजा होगी। कोर्ट ने पुलिस द्वारा मुहैया कराए गए सबूतों, डॉक्टर की टिप्पणी और महिला के पिछले बयान के आधार पर आरोपी द्वारकादास को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 के तहत 20 साल की सजा और धारा 506 के अंतर्गत चार साल की सजा सुनाई।

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