शराब पिलाकर हिंसा भड़काने में बसपा नेता गिरफ्तार, 10 हजार रुपये का इनामी बीजेपी नेता भी पकड़ा गया
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के जिला अध्यक्ष कमल गौतम को हाल ही में एससी/एसटी एक्ट में बदलाव के विरोध में हुए भारत बंद के दौरान हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि कमल गौतम ने पार्टी कार्यकर्ताओं को शराब मुहैया कराई और उनमें से हजारों नशे में घुत लोगों को जबरन दुकानें बंद कराने और हंगामा करने के लिए उकसाया। वहीं ऐसे ही एक और मामले में मध्य प्रदेश के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेका गिरिराज जाटव को भिंड में हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले जाटव की तलाश में लगी पुलिस ने उनके बारे में सूचना मुहैया कराने के लिए 10 हजार रुपये का इनाम भी रखा था। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी/एसटी एक्ट में बदलाव के विरोध में दलित संगठनों ने बीते सोमवार (2 अप्रैल) को भारत बंद का आह्वान किया था। भारत बंद के कई राज्यों से हिंसा की घटनाएं सामने आई थीं, लेकिन मध्य प्रदेश में हिंसा की घटनाओं में आठ लोगों के मारे जाने की खबरें आई थीं।
Muzaffarnagar: BSP district president Kamal Gautam arrested on charges of inciting violence during #BharatBandh protest. SSP says,’As per proof, he provided liquor to party workers & thousands of them,in an inebriated condition,were incited to forcefully shut shops,create ruckus’ pic.twitter.com/WlpNtF46Jp
— ANI UP (@ANINewsUP) April 7, 2018
ग्वालियर, मुरैना, भिंड और चंबल समेत कई जगहों पर हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दिया था। लेकिन भिंड में कर्फ्यू लग जाने के बाद भी हिंसा की घटनाएं दर्ज की गई थीं। एहतियातन दो दिनों के लिए इंटरनेट सेवाएं भी रोक दी गई थीं। भारत बंद के दौरान व्यापक स्तर पर हुईं हिंसा की घटनाओं के मद्देनजर अब प्रशासन ने उपद्रवियों और हिंसा भड़काने वाले अराजक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कमर कस ली है। मामले में शामिल किसी भी ओहदे के नेता या शख्स को प्रशासन बख्सने के मूड में नहीं है।
BJP’s Giriraj Jatav arrested on charges of inciting violence in Bhind during #BharatBandh protests, earlier a reward of Rs 10,000 was declared for information leading to his arrest. #MadhyaPradesh
— ANI (@ANI) April 7, 2018
भारत बंद को देखते हुए केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के एससी/एसटी एक्ट को लेकर दिए गए फैसले को लेकर पुनर्विचार याचिका भी दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट ने एक्ट में ऐसे मामले की सूरत में तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी और अग्रिम जमानत को मंजूरी दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा एक्ट के दुरुपयोग के मामलों को देखते हुए किया था। लेकिन दलित संगठनों की आपत्ति यह थी कि अगर ऐसे मामले में तुंरत गुरफ्तारी न हुई और आरोपी को अग्रिम जमानत मिल गई तो उसे गवाहों और साक्ष्यों को तोड़-मरोड़ने का समय मिल जाएगा, जिससे मामला प्रभावित होगा और गुनहगार सजा से बच जाएगा।