जाने क्यों पूरी दुनिया के सामने शर्मिंदा होना पड़ा भारत की जिमनास्टिक्स टीम को, जुर्माना भी लगा
कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत की जिमनास्टिक्स टीम को उस वक्त शर्मिंदा होना पड़ा, जब उनके पहनावे पर राष्ट्रीय प्रतीक गायब मिलने पर उनके कुछ प्वाइंट काट लिए गए। बता दें कि अन्तर्राष्ट्रीय खेल नियमों के मुताबिक हर खिलाड़ी के पहनावे पर उसके देश का राष्ट्रीय चिन्ह होना जरुरी है। चूंकि भारतीय जिमनास्टिक्स टीम की खिलाड़ियों अरुणा बुद्धा रेड्डी, प्रानीति नायक और प्रानीति दास के पहनावे पर यह गायब मिला, इसके लिए टीम को सजा के तौर पर कुछ प्वाइंट गंवाने पड़े। इतना ही नहीं शुक्रवार को वूमेंस टीम फाइनल के दौरान जिमनास्टिक्स टीम को एक-जैसी जिमनास्टिक ड्रेस नहीं पहनने के कारण भी पेनल्टी झेलनी पड़ी।
वहीं जिमनास्टिक से जुड़े लोगों ने इस वाक्ये पर गहरी निराशा जाहिर की है। भारत की मशहूर जिमनास्टिक खिलाड़ी दीपा करमाकर के कोच बिश्वेशनर नंदी का कहना है कि, एक अन्तर्राष्ट्रीय इवेंट के दौरान इतनी बड़ी गलती होना बेहद चौंकाने वाला है। बता दें कि दीपा चोट के कारण इस बार कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा नहीं ले रही है। इससे पहले जिमनास्टिक टीम के सलेक्शन को लेकर भी काफी हंगामा हुआ था और कॉमनवेल्थ के लिए जाने के आखिरी समय तक जिमनास्टिक्स टीम का सलेक्शन नहीं हो पाया था। दरअसल जिमनास्टिक फेडरेशन दो धड़ों में बंटी हुई है, जिस कारण टीम के चयन को लेकर काफी ऊहा-पोह की स्थिति रही। जब इंटरनेशनल जिमनास्टिक फेडरेशन ने इसमें दखल दिया, तब जाकर भारतीय टीम का सलेक्शन हुआ और वह गोल्ड कोस्ट जा पायी। अब स्पर्धा के दौरान हुई इतनी बड़ी गलती के बाद भारतीय जिमनास्टिक टीम एक बार फिर से चर्चाओं में आ गई है।
कोच बिश्वेशवर नंदी का कहना है कि कोच और मैनेजर को इस मामले में ध्यान रखना चाहिए था, हालांकि लड़कियां भी काफी अनुभवी हैं और उन्हें खुद भी इसका ध्यान रखना चाहिए था। बता दें कि ड्रेस कोड नियमों का उल्लंघन करने के कारण भारतीय जिमनास्टिक्स टीम का कुल 1 प्वांइट काटा गया। बता दें कि भारतीय टीम फाइनल में कुल 128.975 प्वाइंट के साथ सातवें स्थान पर रही। वहीं ड्रेस कोड के उल्लंघन पर टीम की कोच मिनेरा बेगम से अभी इस मामले में बात नहीं हो पायी है।