बीजेपी के एक और दलित सांसद ने जताई नाराजगी, बोले- भारत बंद के बाद एससी समुदाय पर बढ़ गए सितम

भारतीय जनता पार्टी के एक और दलित सांसद ने पार्टी फोरम पर नाराजगी जताई है और कहा है कि 2 अप्रैल के भारत बंद के बाद दलित समुदाय पर जुल्म ढाए जा रहे हैं। उत्तरी-पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी उदित राज ने आज (08 अप्रैल को) ने पार्टी और सरकार से अपील की है कि इस मामले में तुरंत दखल दें। उन्होंने कहा है कि वो उन दलित सांसदों या पार्टी नेताओं में से नहीं हैं जो स्वार्थ की वजह से मुंह पर ताला जड़ लें और पार्टी आलाकमान को भी सही बात न बता सकें। उदित राज ने कहा कि उन्होंने करीब ढाई साल पहले ही सरकार और संगठन को बता दिया था कि दलित समुदाय में बीजेपी के प्रति गुस्सा पनप रहा है।

बीजेपी के पांचवें दलित सांसद उदित राज ने आरोप लगाया है कि 2 अप्रैल को देशव्यापी भारत बंद के बाद से दलित समुदाय पर अत्याचार बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग आंदोलन में शामिल हुए थे उन्हें चिन्हित करके परेशान किया जा रहा है और झूठे मुकदमों में उन्हें फंसाया जा रहा है। इतना ही नहीं इन लोगों की पिटाई भी की जा रही है। बीजेपी सांसद ने इन घटनाओं पर चिंता जताई है। उदित राज ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि बाड़मेर, जालौर, जयपुर, ग्वालियर, मेरठ, बुलंदशहर, करोली और अन्य हिस्सों से फोन करके उन्हें बता रहे हैं कि उन्हें परेशान किया जा रहा है बल्कि पीटा जा रहा है।

बता दें कि इनसे पहले भी यूपी से आने वाले बीजेपी के दलित सांसदों ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दलित उत्पीड़न और दलित समुदाय के लिए चार सालों में कुछ भी ठोस नहीं करने की शिकायत की थी। रॉबर्ट्सगंज के दलित सांसद छोटेलाल खैरवार और नगीना से दलित सांसद डॉ. यशवंत सिंह ने पीएम मोदी को इस बारे में पत्र लिखा था। इससे पहले इटावा से सांसद अशोक दोहरे ने भी दलित उत्पीड़न की शिकायत की थी और पीएम से इस मामले में दखल देने का अनुरोध किया था। इनसे पहले बहराइच की सांसद सावित्री बाई फूले ने भी बागी तेवर दिखाते हुए लखनऊ में विशाल रैली आयोजित की थी और कहा था कि वो सांसद रहें या नहीं रहें लेकिन एससी-एसटी समुदाय का आरक्षण खत्म करने नहीं देंगी। उन्होंने प्राइवेट क्षेत्र में भी आरक्षण देने की मांग की थी।

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