बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम माँझी ने गरीब महासम्मेलन के जरिये दिखाया अपना दम

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने पटना के गांधी मैदान में अपना बहुचर्चित गरीब महासम्मेलन किया। इस रैली को लेकर कल तक यही कयास लगाए जा रहे थे कि लालू प्रसाद यादव के परिवार से इसमें शामिल होने के लिए कोई नहीं आएगा। लेकिन यह कयास तब गलत साबित हो गया जब बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और विधानसभा के मौजूदा नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इस रैली में शामिल हुए। लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव के साथ रैली में राजद के नेता महाचंद्र पूर्व भी मौजूद थे। राजग से अलग होने तथा महागठबंधन में शामिल होने के बाद मांझी का यह पहला महासम्मेलन था।
राजग से अलग होने के बाद आयोजित इस रैली को शक्ति प्रदर्शन के तौर पर भी देखा जा रहा है। हालांकि, इस रैली की घोषणा जीतनराम मांझी ने राजग में रहते हुए ही कर दी थी। सम्मेलन को संबोधित करते हुए हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने कहा कि लालू प्रसाद यादव को केंद्र के इशारे पर फंसाया गया है। उन्होंने केंद्र से जातीय जनगणना को सार्वजनिक कर आबादी के हिसाब से आरक्षण को लागू करने की मांग भी की। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस मौके पर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि नीतीश कुमार पाला बदलने में माहिर हैं और वह मनुवादियों की गोद में झूला झूल रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मुकदमे के जरिए लालू जी तथा उनके परिवार को डराने की कोशिश कर रही है लेकिन वह डरने वाले नहीं हैं।
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा यानी कि हम का गठन पटना स्थित श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में फरवरी 2014 में किया गया था। जीतनराम मांझी की यह पार्टी पहले एनडीए का भी हिस्सा रही थी। बाद में उन्होंने उपेक्षा का आरोप लगाकर राजग से किनारा कर लिया। जीतनराम मांझी के राजनैतिक कैरियर का सबसे बड़ा उछाल तब आया जब बिहार के लोगों ने मुख्यमंत्री नीतीश की पार्टी जदयू को विगत लोकसभा चुनाव में आशा अनुकूल मत नहीं दिया। नतीजा उनका प्रधानमंत्री बनने का सपना टूट गया। इसे राजनैतिक भूल कहें या नीतीश का गरुर उन्होंने खुद मुख्यमंत्री पद से त्याग-पत्र देकर जीतन राम माँझी को मुख्यमंत्री बना दिया। कुछ समय तक सब कुछ सही चला फिर एक लम्बे उठा पटक के बाद के बाद जदयू ने इनसे किनारा कर लिया और इनकी मुख्यमंत्री कुर्सी जाती रही।