कार्यक्रम में जा रहे थे अरविंद केजरीवाल, पता चला रास्ते में हो रहा पानी के लिए आंदोलन तो लौट गए वापस
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक कार्यक्रम में शरीक होना था। रविवार को वह अपने काफिले के साथ वहां जा रहे थे। लेकिन बीच रास्ते में ही उन्हें वापस लौटने का फैसला करना पड़ा। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि उन्हें उस दौरान सूचना मिली थी कि लोग पानी की किल्लत को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। केजरीवाल की जगह इसके बाद वहां कबीना मंत्री सत्येंद्र जैन और स्थानीय विधायक प्रकाश जारवाल पहुंचे। नेताओं के पहुंचते ही मौके पर मौजूद भीड़ आपे से बाहर हो गई। सूत्रों के अनुसार, मौके पर अगर पुलिस बल न होता तो जैन के साथ हाथापाई तक की नौबत आ जाती।
यह मामला दक्षिणी दिल्ली के संगम विहार इलाके से जुड़ा है। केजरीवाल को आठ अप्रैल को यहीं एक निजी स्कूल में उद्घाटन करने जाना था। लेकिन उन्हें उग्र प्रदर्शन के कारण आधे रास्ते से लौटना पड़ा। जैन और जारवाल जब स्कूल पहुंचे थे, तब सैकड़ों की संख्या में लोगों ने उन्हें चारों ओर से घेर लिया था।
ऐसे में पुलिस ने दोनों नेताओं को सुरक्षा मुहैया कराते हुए स्कूल के भीतर पहुंचाया। लोग इस दौरान स्लोगन लिखी तख्तियां लेकर नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। भीड़ इतनी अधिक थी कि नेताओं को उसके हटने के लिए तकरीबन तीन घंटे तक इंतजार करना पड़ा।
दोनों नेता इस दौरान स्कूल के भीतर ही रहे। जैन शाम चार बजे स्कूल पहुंचे थे और शाम सात बजे वहां से निकल पाए थे। जारवाल ने स्कूल में कहा, “सीएम भी आना चाहते थे। लेकिन विपक्षी दलों द्वारा प्रायोजित प्रदर्शन के कारण उन्हें बीच रास्ते से लौटना पड़ गया।”
उधर, दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने जल संकट पर केजरीवाल सरकार पर हमला बोला था। गुप्ता ने दिल्ली सरकार पर आरोप मढ़ते हुए कहा था कि राजधानी में पानी की भयंकर कमी से लोग जूझ रहे हैं, जबकि सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। सरकार को आगे चेतावनी देते हुए भाजपा नेता बोले, “दिल्ली में पानी की किल्लत से समस्या का मसला भारतीय जनता पार्टी सोमवार (नौ अप्रैल) को विधानसभा सदन में उठाएगी।”
गुप्ता ने इसी के साथ आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में जलापूर्ति को लेकर अपनी आंखें नहीं खोली हैं। न तो समर प्लान सामने आया है और न ही उचित जलापूर्ति के लिए कोई योजना बनाई गई है।