रिसर्च में दावा- इस्लाम के संस्थापक पैगंबर मुहम्मद की वशंज हैं ब्रिटेन की क्वीन एलिजाबेथ
एक नए शोध में दावा किया गया है कि ब्रिटेन की क्वीन एलिजाबेथ इस्लाम के संस्थापक पैगंबर मोहम्मद की वंशज हैं। मार्च के महीने में ‘मोरक्को’ के एक अखबार में छपी एक ख़बर के मुताबिक, महारानी एलिजाबेथ कभी स्पेन में राज करने वाले अरबी बादशाहों की वंशज हैं और इसी नाते वो पैगंबर मुहम्मद की वंशज हुईं। ‘मोरक्को’ के अरबी अखबार अल-औसबा में प्रकाशित एक रिपोर्ट में महारानी एलिजाबेथ की बेटी के बारे में दावा किया गया है कि वो फातिमा की 43वीं पीढ़ी से संबंध रखती हैं। आपको याद दिला दें कि इस बारे में पहली रिपोर्ट वर्ष 1986 में ‘हैरोल्ड बी ब्रुक्स बेकर’ नाम की वंशावली विशेषज्ञ ने पेश किया था।
इस रिपोर्ट को लिखने वाले लेखक अब्दल हामिद अल-अवनी ने दावा किया है कि एलिजाबेथ द्वितीय दुनिया की सबसे लंबी विरासत वाली रानी मानी जा सकती हैं। रिपोर्ट में लेखक ने यह भी दावा किया है कि एलिजाबेथ मोरक्को के बादशाह मुहम्मद चतुर्थ और जॉर्डन के बादशाह अब्दुल्ला द्वितीय की रिश्तेदार हैं। अखबार के मुताबिक, 11वीं सदी में सेविले के शासक अबु-अल-कासिम मोहम्मद बिन-अब्बाद पैगंबर मुहम्मद की बेटी फातिमा के वंशज थे। कासिम साल 1023 में अल-एंडुलुस के सेविले के शासक बने थे। कासिम की एक बेटी ज़ायदा थीं। अब्बासी सल्तनत पर अल्मोराविद शासकों के हमले के समय ज़ायदा भागकर स्पेन चली गयी थीं।
स्पेन में ही जायदा ने अपना नाम बदलकर इजाबेल रख लिया और रोमन कैथोलिक धर्म अपना लिया था। ज़ायदा ने स्पेन के राजा अलफांसो षष्टम से शादी कर ली और शादी के बाद उन्हें एक बेटा हुआ जिनका नाम सांचा था। सांचा के वारिस कैम्ब्रिज के तीसरे अर्ल रिचर्ड थे जो इंग्लैंड के राजा एडवर्ड तृतीय के पोते थे। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मोरक्को, एंडुलूसिया और यूरोप के राजाओं में पैगम्बर मुहम्मद का खून दौड़ रहा था। आपको बता दें कि 91 वर्षीय एलिजाबेथ राष्ट्रमंडल देशों की प्रमुख हैं। राष्ट्रमंडल उन देशों का समूह है जो कभी ब्रिटेन के अधीन रहे थे। हालांकि एक बात यह भी है कि महारानी एलिजाबेथ के वंशजों को लेकर इतिहास कारों के अपने-अपने दावे हैं लेकिन अभी तक बर्मिघम पैलेस की तरफ से इसपर कुछ भी नहीं कहा गया है।