21वें राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का दबदबा, बैडमिंटन में मलेशिया को हरा हासिल किया 10वां गोल्ड
भारत की मिश्रित बैडमिंटन टीम ने यहां जारी 21वें राष्ट्रमंडल खेलों के पांचवें दिन सोमवार को इतिहास रचते हुए पहली बार स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया। भारतीय टीम ने मिश्रित टीम स्पर्धा के फाइनल में मौजूदा विजेता मलेशिया को 3-1 से मात देते हुए पहली बार सोने का तमगा हासिल किया। एक समय भारत 2-0 से आगे था, लेकिन मलेशिया ने अगला मैच जीत भारत की मुश्किलों को बढ़ा दिया। लेकिन, लंदन ओलम्पिक-2012 में भारत को कांस्य दिलाने वाली सायना नेहवाल ने रोचक मुकाबले में जीत हासिल करते हुए भारत की झोली में स्वर्ण पदक डाला। इससे पहले भारत ने कभी भी राष्ट्रमंडल खेलों में बैडमिंटन की टीम स्पर्धा में स्वर्ण नहीं जीता था।
फाइनल मुकाबले का पहला मैच मिश्रित युगल का था जिसमें सात्विक रंकीरेड्डी और अश्विनी पोनप्पा की जोड़ी का सामना मलेशिया की पेंग सून चान और लियू यिंग गोह से था। भारतीय जोड़ी को यह मुकाबला जीतने के लिए थोड़ा संघर्ष करना पड़ा। पहला गेम जीतने के बाद भारतीय जोड़ी दूसरा गेम हार गई। सत्विक और पोनप्पा की जोड़ी ने चान और यिंग की जोड़ी को 21-14, 15-21, 21-15 से मात दी। यह मैच एक घंटे पांच मिनट तक चला। इससे भारत 1-0 से आगे हो गया।
दूसरा मैच पुरुष एकल वर्ग का था जहां भारत के वर्ल्ड नंबर-2 किदाम्बी श्रीकांत का सामना दिग्गज खिलाड़ी ली चोंग वेई से था। श्रीकांत ने पूर्व नंबर-1 वेई को 43 मिनट तक चले मुकाबले में सीधे गेमों में 21-17, 21-14 से मात दी। इसी जीत ने भारत को 2-0 की बढ़त दिला दी। वर्ल्ड नंबर-6 वेई के खिलाफ श्रीकांत की यह पांच मैचों में पहली जीत है।
मुकाबले का तीसरा मैच पुरुष युगल वर्ग का था जहां भारत की जीत का दारोमदार सात्विक और चिराग शेट्टी की जोड़ी पर था। उनके सामने ओलम्पिक रजत पदक विजेता वी शेम गोह और वी कियोंग तान की जोड़ी थी। मलेशियाई जोड़ी ने भारतीय जोड़ी को 21-15, 22-20 से मात देकर अपनी टीम को पहली जीत दिलाई। इस मैच को जीत कर मलेशिया ने वापसी की कोशिश की और स्कोर 1-2 कर लिया।
चौथा मैच महिला एकल वर्ग का था जिसमें टीम की जिम्मेदारी वर्ल्ड नंबर-12 सायना पर थी। सायना ने सोनिया चेह को तीन गेमों तक चले कड़े मुकाबले में 21-11, 19-21, 21-9 से मात देकर भारत की झोली में स्वर्ण डाला।