कुल आबादी के 40 प्रतिशत रोहिंग्या मुसलमानों ने छोड़ा म्यांमार, गए बांग्लादेश: यूएन की रिपोर्ट

संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि म्यांमार के राखिन प्रांत में रहने वाले रोहिंग्या समुदाय की कुल आबादी के करीब 40 फीसदी लोग बांग्लादेश जा चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि 25 अगस्त से लेकर अब तक म्यांमार सीमा पार करके बांग्लादेश जाने वाले रोहिंग्या शरणार्थियों की संख्या 389,000 पर पहुंच गई है। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 24 घंटे में 10,000 लोगों के बांग्लादेश जाने की खबर है। गत वर्ष अक्तूबर में राखिन प्रांत में हिंसा के दौरान वहां से भागने वाले लोगों की संख्या मिलाकर इस प्रांत में रहने वाले रोहिंग्या आबादी के करीब 40 फीसदी लोग अब तक बांग्लादेश जा चुके हैं।’’

दुजारिक ने बताया कि यूनिसेफ ने हजारों रोहिंग्या बच्चों के लिए पानी और साफ-सफाई की वस्तुएं लेकर ट्रकों को कॉक्स बाजार की ओर भेजा है। आने वाले सप्ताह में इस आपूर्ति की गति तेज की जाएगी। उन्होंने बताया कि एक अनुमान के मुताबिक, बांग्लादेश में पहुंचने वाले 60 फीसदी रोहिंग्या शरणार्थी बच्चे हैं। दुजारिक ने कहा, ‘‘पहले से मौजूद शरणार्थी शिविरों में शरणार्थी रह रहे हैं और अब वहां पहुंचने वाले नए शरणार्थियों को जहां भी जगह मिल रही है, वे वहीं रह रहे हैं।’’

यूनिसेफ के अनुसार, वहां हर चीज खासकर आवास, भोजन और स्वच्छ जल की काफी कमी है तथा यूनीसेफ जल शोधन संयंत्रों को बेहतर बनाने में बांग्लादेश सरकार की मदद कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने राखिन प्रांत में सुरक्षा स्थिति को लेकर पहले ही चिंता जताई थी।बता दें कि 25 अगस्त को रोहिंग्या मुसलमानों ने पुलिस वालों पर हमला कर दिया। इस लड़ाई में कई पुलिस वाले घायल हुए, इस हिंसा से म्यांमार के हालात और भी खराब हो गए। और मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले के बाद से ही म्यांमार पुलिस ने रोहिंग्या मुसलमानों पर बुरी तरह से प्रहार करना शुरू कर दिया।

वहीं, भारी तादात में हो रहे इस पलायन को लेकर बांग्लादेश के राजदूत ने कहा कि अगर रोहिंग्‍या मुसलमानों का पलायन रोका नहीं गया तो भारत सहित संपूर्ण क्षेत्र के ल‍िए खतरा होगा। इससे भारत के उग्रवाद प्रभावित पूर्वोत्तर राज्यों समेत पूरे क्षेत्र में सुरक्षा की चिंता हो सकती है। दूसरी तरफ, भारत में भी रोहिंग्या मुलमानों के पलायन और शरण देने को लेकर अलग-अलह राय सुनने को मिल रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *