टीवी चैनल का दावा- गैंगरेप के आरोपी बीजेपी एमएलए ने पीड़िता के चाचा को धमकाया, ऑडियो लीक
उन्नाव दुष्कर्म कांड में भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। अब बीजेपी विधायक द्वारा पीड़िता के चाचा को फोन पर धमकी देने का मामला सामने आया है। बातचीत का ऑडियो टेप लीक हो गया है। ‘टाइम्स नाउ’ का दावा है कि इसमें कुलदीप सेंगर ने दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली युवती के चाचा को धमकी दी है। भाजपा विधायक ने कथित तौर पर इस मामले को खत्म करने की बात कही है। एमएलए ने कहा कि तुम्हें हमारी सेवा में रहना चाहिए था, तुमने मेरे खिलाफ अर्जी क्यों दी? इस पर पीड़िता के चाचा ने कहा कि वह उनके (कुलदीप सेंगर) खिलाफ कुछ नहीं कर रहे थे। बता दें कि उन्नाव में एक महिला ने भाजपा विधायक पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया है। पीड़िता के पिता की जेल में मौत के बाद इस मामले ने और तूल पकड़ लिया। युवती ने परिवार समेत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के सामने आत्महत्या का प्रयास किया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने अब इस मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की है। वहीं, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय महिला टीम गठित की है। महिलाओं का यह दल 11 अप्रैल को पीड़िता से मुलाकात करेगा। बातचीत का ब्यौरा इस प्रकार है।
पीड़िता के चाचा: गांव में यह क्या करवा रहे थे, यह तो ठीक का नहीं है। मरवाना, पिटवाना बच्चों को, पप्पू को, यह सब अच्छी बात नहीं है।
कुलदीप सिंह सेंगर: तुम हमें ही…दे रहे हो, बेटा।
पीड़िता के चाचा: दे नहीं रहे हैं, आपकी सेवा की है, इसलिए आपको बता रहा हूं।
कुलदीप सिंह सेंगर: हमारी सेवा की है तो हमारी सेवा में रहना चाहिए, हमारे खिलाफ आवेदन क्यों देते हो।
पीड़िता के चाचा: मैं आपके खिलाफ कुछ नहीं कर रहा था।
कुलदीप सिंह सेंगर: हमारे खिलाफ पर्चा क्यों छपवाते हो
पीड़िता के चाचा: मैंने नहीं छपवाया, यह आप पता करो, लेकिन हमने नहीं छपवाया।
कुलदीप सिंह सेंगर: तुम बताओगे हम किससे पता करें।
पीड़िता के चाचा: मेरे वॉट्सएप पर आया और मैंने इसे फॉरवर्ड किया बस इतना गुनहगार हूं। एक औलाद है मेरा बताइए कहां खड़ा होना है।
कुलदीप सिंह सेंगर: एक बात बताओ कि तू मेरा छोटा भाई है।
पीड़िता के चाचा: हां, हूं।
कुलदीप सिंह सेंगर: छोटा भाई है तो क्या बड़े भाई के खिलाफ पर्चा छपवाना चाहिए।
पीड़िता के चाचा: मैंने नहीं छपवाया। मैं किसी तरीके से किसी चीज में शामिल नहीं हूं। बताओ मैं कैसे यकीन दिलाऊं। हनुमानजी तो हूं नहीं कि जिससे सीना फाड़ के दिखा सकता।
कुलदीप सिंह सेंगर: अगर तुमने नहीं छपवाया…वॉट्सएप पर 6 महीने से चल रहा है। मैं दोषी हूं किसी में।
पीड़िता के चाचा: मैंने नहीं छपवाया, मैं कह रहा हूं कि मैं किसी चीज में शामिल नहीं हूं।
कुलदीप सिंह सेंगर: तुम नहीं हो तो तुम हमारे पास आओ, ये लोग जो खेल रहे हैं ना, जो लोग भौजाई को बुला लेते हैं। रोज आवेदन लिखवाते हैं। इनको सबको मना करो।
पीड़िता के चाचा: टिंकू का मेरे पास फोन आया था…दद्दू मैंने आपकी बहुत सेवा की है और आपकी बहुत इज्जत की है।
कुलदीप सिंह सेंगर: …तो क्या अब मेरी इज्जत नहीं करोगे।
पीड़िता के चाचा: आपने जहां मुझे खड़ा किया मैं वहां खड़ा हुआ…नंगे पैर।
कुलदीप सिंह सेंगर: एक मिनट मेरी बात सुनो। अब भगवान की दया से ठीक हुए हो। लोग चाहते हैं कि ये लोग मर जाएं। लड़ाई में सबका नुकसान होता है। हमारा-तुम्हारा और सबका। तुम हमारे छोटे भाई हो…आगे बढ़ो। मैंने तुमसे यही चीज कही थी ना। आप हमारे पास आइए और घर में सब सदस्यों से कह दीजिए कि जो हुआ वो खतम। अब हमारा-तुम्हारा है। हम-तुम मिलकर नया अध्याय शुरू करते हैं। अब हमारी-तुम्हारी बात के बीच में कोई नहीं रहेगा।
पीड़िता के पिता: अतुल को क्या जरूरत थी मारने -पीटने की।
कुलदीप सिंह सेंगर: अतुल सगे हैं तुम्हारे या कोई और सगा है तुम्हारा। अतुल अपने काम की मेरे सामने गलती मानेंगे। …अपने काम की मेरे सामने गलती मानेंगे। हमारा तुम्हारा परिवार एक होकर रहेगा बस बात खतम हो गई। …और सबसे कह दो कि चुपचाप बैठें। अम्मा हमसे कल मिलेंगी और हम उन्हें बैठाकर चाय पिलाएंगे। सबको रोको…सबको मना करो।
पीड़िता के चाचा: ठीक है।