कोर्ट ने घायल सैनिक की सहायता राशि को 4.57 लाख रुपये से बढ़ाकर किया 73 लाख रुपये, कहा कि कानून को करना चाहिए घायल सैनिकों का सम्मान
मद्रास उच्च न्यायालय ने अपने एक फैसले में कहा है कि देश के कानून को घायल सैनिकों का सम्मान करना चाहिए। मद्रास उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति एस. विमला और एस . रामतिलगम की खंड पीठ ने हवलदार मोहन कुमार की मुआवजा राशि को 4.57 लाख रुपये से बढ़ाकर 73 लाख रुपये करते हुए उक्त बात कही। मोहन कुमार (34) वर्ष 2007 में अपने पैतृक स्थान तिरूपत्तुर जाने के दौरान दुर्घटना में घायल हो गये थे। मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण ने वर्ष 2012 में कुमार और उनकी पत्नी को 4.57 लाख रुपये की मुआवजा राशि दी।
सैनिक के परिवार ने इस आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। पीठ ने कहा कि उसे इसमें कोई संशय नहीं है कि दावा करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से लकवाग्रस्त और चलने – फिरने में अक्षम है। अदालत ने कहा , ‘‘ यह स्पष्ट है कि दावाकर्ता अपने जीवन काल में अब कभी भी धन कमाने की स्थिति में नहीं होगा।
इसमें सिर्फ दावाकर्ता को ही नुकसान नहीं हुआ है , बल्कि उसके परिवार को भी बराबर नुकसान पहुंचा है। ’’ पीठ ने कहा कि अधिकरण को मुआवजा राशि तय करने से पहले सभी पहलुओं पर विचार करना चाहिए था। अदालत ने सैनिक की दावा राशि को बढ़ाकर 73 लाख रुपये करते हुए बीमा कंपनी को छह सप्ताह के भीतर उसे पूरी राशि देने का आदेश दिया।