कर्नाटक चुनावों के दौर में भाजपा के पूर्व मंत्री की बेटी और कांग्रेसी नेता का प्यार अदालत तक पहुँचा
कर्नाटक में चुनावों का दौर चल रहा है। इस बीच कर्नाटक की हवाओं से सियासी चर्चाओं से इतर एक दिलचस्प कहानी सुनने में आ रही है। यह एक प्रेम कहानी है जिसमें भाजपा के पूर्व मंत्री की बेटी को एक कांग्रेसी नेता से प्यार हो गया है। इसके अलावा लड़की की जाति भी लड़के की जाति से अलग है। यही वजह है कि 26 साल की इस इंजीनियर लड़की की शादी को लेकर उसके माता पिता तैयार नहीं हो रहे हैं। लड़की का कहना है कि पिछले हफ्ते उसके पिता ने उसके ऊपर किसी और से शादी करना का दबाव बनाया। अपनी इस शादी को रद्द करवाने के लिए लड़की ने दिल्ली के जज से गुहार लगाया था।
लड़की की अपील पर जज ने शादी रद्द करने से तो इंकार कर दिया लेकिन उन्होंने कर्नाटक पुलिस से लड़की को प्रोटेक्शन देने को कहा है। इस मसले में कपल्स अपनी सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित हैं। ऐसे में उन्होंने अपनी पहचान भी जाहिर न करने की इच्छा जताई है। कपल्स को कर्नाटक के सॉलिसीटर जनरल के सामने अपना बयान दर्ज कराने को कहा गया है। चुनावों के मौसम में इस मसले से कांग्रेस पार्टी को काफी पॉलिटिकल माइलेज मिल सकता है। लेकिन फिलहाल जोड़ों की पहचान को गुप्त रखा गया है। ऐसे में लड़की भाजपा के किस नेता की बेटी है इसका खुलासा नहीं किया जा सकता।
वयस्कों को अपनी शादी को लेकर फैसले लेने के अधिकार के संबंध में पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी बेहद महत्वपूर्ण है जिसमें उसने कहा था कि जीवनसाथी चुनने के मामले में वयस्कों के निर्णयों में किसी भी तरह का हस्तक्षेप हीं होना चाहिए। यह टिप्पणी कोर्ट ने हादिया केस की सुनवाई के दौरान की थी। हादिया केस का मामला केरल राज्य से जुड़ा है। जहां एक महिला ने धर्म परिवर्तन कर एक मुस्लिम युवक से शादी कर ली थी। जिसके बाद उसके माता पिता ने हाइकोर्ट में उनकी शादी को अवैध घोषित करने की गुहार लगाई थी। बाद में हाईकोर्ट ने हादिया को अपने माता-पिता के साथ रहने का आदेश दिया था। हाई कोर्ट के इस फैसले को पलटते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शादी को वैध बताया और कहा कि हादिया अपने पति के साथ रह सकती है।