उन्नाव गैंगरेप की CBI जांच: पीड़िता की मांग- चाचा को खतरा, आरोपी को पकड़ो
उन्नाव गैंगरेप केस में पीड़िता को नया डर सता रहा है। उसे आशंका है कि उसके चाचा की जान को खतरा है। पीड़िता ने कहा है कि उसके पिता की हत्या कर दी गई। फिर उस पर भी ढेर सारे सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में उसे न्याय कैसे मिलेगा? सीबीआई जांच की बात ठीक है। लेकिन सबसे पहले बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। वह जांच को भटका सकता है। पीड़िता ने इसी के साथ बताया कि उसे डर है कि उसके चाचा की हत्या की जा सकती है। पीड़िता की यह प्रतिक्रिया यूपी के डीजीपी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद आई है।
बता दें कि पीड़िता के पिता की सोमवार को पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। प्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले पर बुधवार (11 अप्रैल) रात बड़ा फैसला किया। कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) अब इस मामले की जांच करेगा। पीड़िता ने सरकार के इस फैसले की सराहना की। मगर उसने इसके साथ ही आरोपी बीजेपी विधायक की गिरफ्तारी की मांग भी उठाई।
राज्य सरकार की ओर से यह फैसला इस मामले में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) गठित होने के बाद लिया गया। इसका गठन लखनऊ जोन के एडीजी ने किया था। एसआईटी को मामले की जांच-पड़ताल कर सरकार को उसकी रिपोर्ट जमा करने के लिए भी कहा गया था। माखी थाने में इसके बाद आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 363, 366, 376, 506 और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था।
उन्नाव रेप केस में इससे पहले आरोपी विधायक की गिरफ्तारी को लेकर यूपी पुलिस के महानिदेशक ओपी सिंह ने साफ किया था कि कुलदीप सिंह सेंगर को फिलहाल गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। यह फैसला सीबीआई करेगी, जबकि प्रमुख गृह सचिव अरविंद कुमार और डीजीपी की पत्रकार वार्ता में कहा गया कि पुलिस किसी को भी बचा नहीं रही है।
यह है मामला: माखी थाना क्षेत्र के गांव से चार जून 2017 को एक किशोरी को गांव के युवक उठा ले गए थे। 17 वर्षीय किशोरी को गांव निवासी शुभम कानपुर निवासी अवधेश तिवारी की मदद से ले गया था। पीड़िता की मां ने इसके बाद पुलिस में शिकायत दी थी, जिसमें आरोप था कि कुलदीप सिंह सेंगर ने पड़ोस की महिला के जरिए बहाने से बुलाया और घर बुलाकर रेप किया। यही नहीं, शिकायत में उसके साथ के लोगों पर भी सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगा था।