FIR की कॉपी: 16 साल की लड़की को करीबी महिला ले गई थी विधायक सेंगर के पास, फिर हुआ रेप
उन्नाव के कथित गैंगरेप की घटना में नौ महीने बाद पुलिस ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ केस दर्ज किया। बलात्कार पीड़िता के पिता की पिटाई से मौत की घटना के बाद मामले ने तूल पकड़ा। सत्ताधारी दल के विधायक से जुड़ा मामला होने के कारण राजनीतिक सरगर्मी बढ़ने से शासन भी दबाव में आया। जिसके बाद एक्शन होना शुरू हुआ। पीड़िता की मां ने पुलिस को जो तहरीर सौंपी है, उसके मुताबिक बेटी की उम्र महज 16 साल है।एसआईटी के साथ इस मामले की जांच सीबीआई को सौपी गई है।
एफआईआर की क्या है कहानीः बलात्कार पीड़िता की मां ने तहरीर में कहा है कि उनकी बेटी की पैदाइश 2002 की है। चार जून 2017 को मुहल्ले की शशि नामक महिला उनकी बेटी को बहला-फुसलाकर विधायक के ठिकाने पर ले गई। जहां विधायक ने बलात्कार किया। विरोध करने पर उन्होंने बेटी को पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी। बलात्कार के वक्त आरोपी महिला आंगन में थी। पीड़िता की मां ने कहा कि उसी वक्त वह थाने में केस दर्ज कराने गई मगर मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। इस तहरीर पर उन्नाव जिले की माखी थाने की पुलिस ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और बलात्कार में कथित तौर पर सहयोग करने वाली महिला शशि के खिलाफ आईपीसी की धारा 376, 363 और 506 के तहत केस दर्ज किया है। प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी के मुताबिक मुकदमा दर्ज करने के बाद विवेचना सीबीआई के हवाले कर दी गई है।
उन्नाव घटना में अब तक हुई कार्रवाईः उन्नाव की घटना में बलात्कार पीड़िता के पिता की मौत के मामले में डीआईजी कारागार और उन्नाव के जिलाधिकारी के स्तर से दो अलग-अलग जांच कराई गई। रिपोर्ट में बलात्कार पीड़िता के पिता के इलाज में लापरवाही उजागर होने पर जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. डीके द्वेदी, इमरजेंसी मेडिकल अफसर डॉ. प्रशांत उपाध्याय को जहां निलंबित कर दिया गया, वहीं डॉ. मनोज कुमार, डॉ. जीपी सचान और डॉ. गौरव अग्रवाल के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई। वहीं सीओ, दारोगा सहित आधे दर्जन पुलिसकर्मी भी इस घटना में अब तक सस्पेंड हो चुके हैं।