उन्‍नाव गैंगरेप: सुबह सीबीआई जांच की सिफारिश, केंद्र ने शाम को किया मंजूर

उन्‍नाव सामूहिक दुष्‍कर्म कांड की जांच अब सीबीआई करेगी। हर तरफ से बढ़ते दबाव के बाद उत्‍तर प्रदेश की योगी आदित्‍यनाथ सरकार ने सुबह में इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की घोषणा की थी। राज्‍य सरकार ने इस बाबत केंद्र से सिफारिश की थी, जिसे शाम को मंजूर कर लिया गया। पीड़ि‍ता और उनके परिजन शुरुआत से ही मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग कर रहे थे। सीएम येागी ने भाजपा के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उनके समर्थकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का भी आदेश दिया था। इससे पहले उन्‍नाव गैंगरेप की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई थी। विशेष जांच दल के सदस्‍यों ने पीड़ि‍ता के गांव माखी का दौरा भी किया था। पीड़ि‍ता ने भाजपा के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर दुष्‍कर्म का आरोप लगाया है। मामले में नया मोड़ तब आ गया था जब युवती के पिता की जेल में पिटाई के कारण मौत हो गई थी। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने स्‍वत: संज्ञान लेते हुए मामले पर गुरुवार (12 अप्रैल) को सुनवाई की थी। कोर्ट ने सख्‍त रवैया अपनाते हुए उत्‍तर प्रदेश सरकार से स्‍पष्‍ट शब्‍दों में पूछा था कि आरोपी विधायक को गिरफ्तार किया जाएगा या नहीं? वहीं, उत्‍तर पुलिस ने कहा था कि इस मामले को सीबीआई को स्‍थानांतरित कर दिया गया है। ऐसे में विधायक की गिरफ्तारी का फैसला जांच एजेंसी ही करेगी।

कुलदीप सेंगर को गिरफ्तार न करने पर यूपी पुलिस पर भाजपा विधायक को बचाने का आरोप लग रहे थे। राज्‍य के डीजीपी ने पुलिस का बचाव करते हुए कहा था कि सेंगर को कोई नहीं बचा रहा है। अब मुकदमे की विवेचना सीबीआई को सौंपी जाएगी, ऐसे में जांच एजेंसी को यह तय करना है कि विधायक को गिफ्तार करना है या नहीं। पीड़ि‍ता ने आरोप लगाया था कि प्रभावशाली होने के कारण पुलिस भाजपा विधायक को गिरफ्तार नहीं कर रही है। इस मसले पर हाई कोर्ट ने भी राज्‍य सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी। साथ ही एआईटी को भी लताड़ा था। इससे पहले राज्‍य के गृह सचिव ने कहा था कि उत्‍तर प्रदेश पुलिस ने मामले की जांच को लेकर लापरवाही बरती। अब तक की जांच में भी पुलिस का रवैया ढीला-ढाला रहा। बता दें कि मामले की जांच को सीबीआई के हवाले करने के बावजूद एसआईटी मामले की जांच जारी रखेगी। उन्‍नाव दुष्‍कर्म मामले में सत्‍तारूढ़ भाजपा को चौतरफा आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी एक याचिका दायर किया गया है।

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