कठुआ गैंगरेप: वकील की धमकी- बम और एके 47 उठा लेंगे युवा

कठुआ गैंगरेप मामले में विवाद बढ़ता ही जा रहा है। सीबीआई जब इस मामले की चार्जशीट दाखिल करने के लिए कोर्ट पहुंची थी तो जम्मू- कश्मीर बार एसोसिएशन के वकीलों ने बहुत हंगामा किया था। वहीं, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बीएस सलाथिया ने हाल ही में दिए अपने बयान में कहा था कि कोई भी मंदिर जैसे धार्मिक स्थल पर रेप कर ही नहीं सकता। अपने ताजा बयान में सलाथिया ने कहा है कि अगर राज्य सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो जम्मू के युवा जो आज तिरंगा लेकर निकले हैं, कल वे एके 47 और बम भी उठा सकते हैं।

सलाथिया 8 वर्षीय बच्ची के रेप और मर्डर केस की जांच कर रही राज्य पुलिस और सीबीआई के खिलाफ सिविल सोसाइटी कैम्पेन की अगुआई कर रहे हैं। इसके अलावा, इस कैम्पेन के तहत रोहिंग्या शरणार्थियों को जम्मू से निकालने और वन भूमि से बंजारे समुदायों के निष्कासन पर प्रतिबंध के बारे में मुख्यमंत्री के निर्देश को वापस लेने की मांग की जा रही है। बार एसोसिएशन ने 17 अप्रैल तक अपने काम को सस्पेंड रखने के लिए कहा है।

बुधवार को एक रैली को संबोधित करते हुए सलाथिया ने कहा, “जब भगत सिंह जी ब्रिटिश सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को पूरा न करने को लेकर एसेम्बली में बम फोड़ सकते हैं तो महबूबा जी, फारूक अबदुल्ला साहिब और उनके बेटे उमर जी, आज जम्मू के युवाओं के हाथों में तिरंगा है, कल उनके हाथों में एके 47 और बम भी हो सकते हैं। हमें हथियार उठाने पर मजबूर न करें।” रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर सलाथिया ने कहा, “अगर रोहिंग्याओं को जल्दी ही यहां से उठाकर बाहर नहीं फेंका गया तो हम उन्हें यहां से भगाने के लिए किसी भी चीज का इस्तेमाल करेंगे।”

इंडियन एक्सप्रेस ने जब इस बारे में सलाथिया से बात की तो उन्होंने कहा, “मैं केवल स्वतंत्रता संघर्ष का एक उदाहरण दे रहा था। उस समय ब्रिटिश सरकार भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु जैसे क्रांतिकारियों की बात नहीं सुन रही थी, जिसके कारण उन्होंने एसेम्बली में बम फोड़ दिया था। आज जनता द्वारा चुनी गई सरकार है और उसे उनकी सुननी ही होगी।”

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