इस नववर्ष पर सूखी मछली और गीले चावल ही खाएंगी बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना, जानिए क्यों
बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने बंगाली नववर्ष पर पानी में भिगोया चावल (पांता भात) और सूखी मछली (शूतकी भोर्ता) खाने का फैसला किया है। पीएम ने यह फैसला मछली की प्रजाति ‘हिलसा’ को उसके प्रजनन के मौसम में बचाने का संदेश देने के लिए किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रंगपुर जिले में रहने वाली महिलाओं द्वारा नववर्ष के समारोह के लिए पीएम शेख हसीना को निमंत्रित किया गया है। इस आयोजन से पहले शेख हसीना ने खाने को लेकर कहा है कि मैं नववर्ष के पहले दिन पांता भात खाऊंगी, लेकिन शूतकी भोर्ता के साथ, हिलसा के साथ नहीं।
बांग्लादेश में पिछले दो सालों से हिलसा मछली नहीं पकड़ने की अपील की जा रही है, ताकि इस मछली की संख्या बढ़ सके। यहां हर साल 1 मार्च से हिलसा को पकड़ना प्रतिबंधित किया जाता है। यह प्रतिबंध दो महीने के लिए होता है। पीएम शेख हसीना ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं आप सबसे नववर्ष पर हिलसा नहीं खाने की अपील करती हूं।
दरअसल, बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल समेत दुनियाभर में 15 अप्रैल को बंगाली नववर्ष की शुरुआत के तौर पर सेलिब्रेट किया जाता है। बांग्लादेश में मंगल शुभ यात्रा भी निकाली जाती है, जिसमे रंग-बिरंगे कपड़ों में लोग नव वर्ष के बैनर लेकर जुलूस निकालते हैं। अप्रैल महीने की 15 तारीख को सेलिब्रेट किए जाने वाले इस त्योहार को पोइला बैसाख या नोबो बोर्शो भी कहा जाता है।
बंगाली नववर्ष के बारे में कहा जाता है कि इस दिन मुगल बादशाह अकबर ने 15वी शताब्दी में बांग्ला कैलेंडर की शुरुआत की थी। तभी से इस दिन को नए साल का पहला दिन माना जाता है। बंगाली लोग इस दिन नए काम की शुरुआत करना शुभ मानते हैं। इस दिन जहां महिलाएं ट्रेडिशनल साड़ी में नजर आती हैं, तो पुरुष कुर्ता-पायजामा पहनते हैं।