क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिद्धू हुए कांग्रेस से नाराज़, कहा: मेरी पीठ में छुरा घोंपा गया
क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू ने भले ही भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया है, लेकिन 1988 के रोडरेज केस में पंजाब सरकार का रुख नहीं बदला है। बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर अपील की थी कि 1988 के रोडरेज मामले में उन्हें निर्दोष करार दिया जाए। इस पर गुरुवार को पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में नवजोत सिंह सिद्धू की याचिका का विरोध किया है। इससे रोडरेज के मामले में राहत की उम्मीद कर रहे नवजोत सिंह सिद्धू को बड़ा झटका लगा है। यही वजह है कि नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब सरकार के इस कदम पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि मेरी पीठ में छुरा घोंपा गया है। हालांकि सिद्धू ने इस मुद्दे पर ज्यादा कुछ बोलने से इंकार कर दिया, क्योंकि कोर्ट में अभी इस मामले पर सुनवाई चल रही है, लेकिन इतना तय है कि पंजाब सरकार के इस कदम से सिद्धू बेहद नाराज हैं।
क्या है रोडरेज मामलाः बता दें कि साल 1988 में सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह सिद्धू कार से कहीं जा रहे थे। इसी दौरान पटियाला में उनका गुरनाम सिंह नाम के व्यक्ति से झगड़ा हो गया। इस झगड़े में इनके बीच हाथापाई हुई, जिसके बाद गुरनाम सिंह की मौत हो गई। घटना के बाद पुलिस ने सिद्धू और उनके दोस्त के खिलाफ गैरइरादतन हत्या का मामला दर्ज कर लिया था। मामले की सुनवाई के बाद निचली अदालत ने सिद्धू को बरी कर दिया था।
निचली अदालत से सिद्धू के बरी होने के बाद मामला हाईकोर्ट पहुंचा। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद सिद्धू को दोषी ठहराया और उन्हें 3 साल की सजा सुनायी। हाईकोर्ट के फैसले पर मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सिद्धू ने खुद को निर्दोष करार दिए जाने की अपील की थी। लेकिन पंजाब सरकार ने सिद्धू की इन कोशिशों में अड़ंगा डाल दिया है। उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान साल 2006 में भी तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ थे, अब जब मामला सुप्रीम कोर्ट में है और सिद्धू खुद कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में मंत्री हैं, तो भी कांग्रेस सरकार का इस मामले में रुख नहीं बदला है।