कठुआ गैंगरेप: हिंदू-मुसलमान का रंग देने में कांग्रेसी भी भाजपाई के साथ, गुलाम नबी आजाद ने दी सफाई
जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आठ साल की मुस्लिम आदिवासी बच्ची की गैंगरेप के बाद निर्मम हत्या के मामले ने साम्प्रदायिक रंग ले लिया है। राज्य हिन्दू बहुसंख्यक इलाके जम्मू-कठुआ-सांबा-उधमपुर बनाम मुस्लिम बहुसंख्यक कश्मीर घाटी-चेनाब घाटी-पीरपंजाल में बंटता दिख रहा है। इस बीच जम्मू-कश्मीर पुलिस की क्राइम ब्रांच की जांच पर लगातार उंगली उठाई जा रही है और मामले को सीबीआई के हवाले करने की मांग की जा रहा है। हिन्दू एकता मंच नाम के संगठन ने आरोप लगाया है कि एक खास समुदाय के लोगों को इस मामले में दुर्भावनापूर्ण तरीके से फंसाया जा रहा है, इसलिए सीबीआई से निष्पक्ष जांच कराई जाय। इस मंच की स्थापना कठुआ मामले में न्याय की मांग के लिए मार्च में की गई थी। मंच के सदस्यों में पार्टी लाइन से हटकर बीजेपी-कांग्रेस के अलावा अन्य पार्टियों के लोग हैं। इसमें जम्मू-कश्मीर बीजेपी के महासचिव से लेकर युवा कांग्रेस के नेता और राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के इलेक्शन एजेंट से लेकर पैंथर्स पार्टी के नेता भी शामिल हैं।
इंडियन एक्सप्रेस ने सरकारी दस्तावेजों को खंगालने के बाद यह खुलासा किया है कि इस मंच को विभिन्न राजनीतिक दलों के लोगों का सहयोग प्राप्त है। मंच के अध्यक्ष विजय कुमार बीजेपी के महासचिव हैं। इन्होंने ही मंच की स्थापना की थी और क्राइम ब्रांच की जांच के खिलाफ अभियान चलाया था और आरोप लगाया था कि क्राइम ब्रांच की जांच रिपोर्ट एक समुदाय विशेष के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण तरीके से तैयार की गई है। बता दें कि इस रिपोर्ट में स्पेशल पुलिस ऑफिसर दीपक खजूरिया समेत आठ लोगों को आरोपी बनाया गया है जिन्हें गिरफ्तार किया जा चुका है। खजूरिया को 10 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। मंच इनकी रिहाई की मांग कर रहा है।
1 मार्च को हिन्दू एकता मंच ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग पर रैली निकाली थी जिसमें जम्मू-कश्मीर सरकार के दो भाजपाई मंत्रियों वन एवं पर्यावरण मंत्री लाल सिंह और उद्योग मंत्री चंद्र प्रकाश गंगा शामिल हुए थे। इनके साथ बीजेपी विधायक राजीव जसरोटिया और कुलदीप राज भी रैली में शामिल हुए थे। ये दोनों विधायक कठुआ और हीरानगर विधानसभा का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस मंच में बीजेपी से जुड़े अन्य लोग भी शामिल हैं। इनमें हीरानगर मंडल अध्यक्ष और प्रॉपर्टी डीलर सुदेश कुमार भैया, पूर्व सरपंच भागमल खजूरिया, बीजेपी कार्यकर्ता रवि सगरोटा, यश भारती, प्रेम नाथ डोगरा कठुआ जिलाध्यक्ष समेत कई लोग शामिल हैं।
कांग्रेस पार्टी से जुड़े नेता भी इस मंच से जुड़े हैं। मंच के सचिव कांत कुमार पूर्व सरपंच और कांग्रेस के नेता हैं। बी एस सलाठिया जो जम्मू बार एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं, लगातार मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। सलाठिया को लेकर कांग्रेस-बीजेपी में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इस बीच सलाठिया ने खुद को कांग्रेसी होने से इनकार किया है और कहा है कि उनका गुलाम नबी आजाद से व्यक्तिगत रिश्ता रहा है और 2014 के आम चुनाव में उनके इलेक्शन एजेंट भी रहे हैं। आजाद ने भी इसकी पुष्टि की है। इनके अलावा पूर्व विधायक और जम्मू-कश्मीर पैंथर्स पार्टी के अध्यक्ष यशपाल कुंदल भी हिन्दू एकता मंच को अपना समर्थन दे रहे हैं। कुंदल ने आरोप लगाया है कि जांच के नाम पर क्राइम ब्रांच युवकों को पकड़-पकड़ कर पूछताछ के लिए ले जा रही है लेकिन वो युवा वापस नहीं लौट रहे हैं। इसलिए मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। आरएसएस और वीएचपी के लोग भी हिन्दू एकता मंच से जुड़े हैं।