चित्रकूट से आगरा तक एक्सप्रेस-वे को मंजूरी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि चित्रकूट से जालौन होते हुए आगरा तक के एक्सप्रेस-वे को मंजूरी दे दी गई है। इससे बुंदेलखंड की तस्वीर बदल जाएगी। उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ दशक में प्रदेश में जो सरकारें रहीं, उनमें से ज्यादातर ने विकास और योजनाओं में जाति, धर्म और क्षेत्र के आधार पर भेदभाव किया। उनकी सरकार ने एक वर्ष के कार्यकाल में इस कुरीति को पूरी तरह खत्म कर दिया है। वे आज यहां राजकीय इंटर कालेज मैदान में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 8.85 लाख झोपड़ी वालों को पक्के आवास दिए जा चुके हैं। 65 लाख से अधिक लोगों को उज्ज्वला योजना से लाभान्वित किया गया है। उन्होंने बुंदेलखंड के लिए उठाए गए कदमों का भी अपने भाषण में उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड में सबसे गंभीर समस्या पेयजल की है, जिसके ठोस निदान के लिए अभी तक किसी सरकार ने कोई प्रयास नहीं किया। उन्होंने बुंदेलखंड के दो दिन के दौरे में इस पर गंभीर मंथन किया है। बुंदेलखंड के प्रत्येक गांव में पाइप लाइन के जरिए पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था की जाएगी। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कि प्रदेश की स्थापना 24 जनवरी 1950 को हुई थी। इसकी वर्षगांठ मनाने की परंपरा की जरूरत पर कोई ध्यान नहीं दिया गया था। पहली बार उप्र स्थापना दिवस मनाया गया जिसमें ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ की योजना के तहत जालौन के कालपी में हाथ कागज उद्योग के विकास को हाथ में लिया गया। इकाइयों के अपद्रव्यों के निस्तारण के लिए उद्यमियों ने व्यक्तिगत तौर पर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का खर्चा वहन करने में असमर्थता जाहिर की थी। उनकी मांग थी कि सरकारी खर्चे पर कामन ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर इसका निदान किया जाए।
उनकी इस मांग को आगे बढ़ाने का संकल्प सरकार ने लिया है। योगी ने कहा कि बुंदेलखंड में पर्यटन उद्योग के विकास की भी बहुत संभावनाएं हैं। संगम में केवल दो नदियां मिलती हैं लेकिन जालौन के माधौगढ़ क्षेत्र में पांच नदियों का अनूठा संगम है। इसे संवारने से जिले में पर्यटन को काफी बढ़ावा मिलेगा। उनकी सरकार सैद्धांतिक सहमति दे चुकी है। योगी ने कहा कि अब प्रदेश में कोई वीआइपी जिला नहीं रहा, सभी 75 जिलों के मुख्यालयों पर 24 घंटे और ग्रामीण क्षेत्र में 20 घंटे विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि गरीबों के राशन कार्ड बड़े आदमियों के पास थे। इस विसंगति को दूर करने के लिए प्रदेश भर में राशन कार्डों का नए सिरे से सत्यापन कराया गया है।