गोल्ड मेडल जीतने के बाद बेटों की आई याद, मेरीकॉम ने लिखा यह भावुक कर देने वाला संदेश

भारतीय महिला मुक्केबाज एमसी मैरीकोम ने गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतकर एक बार फिर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। लेकिन अब कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीतने के बाद मैरीकोम को अपने बेटों की बहुत याद आ रही है। शुक्रवार को मैरीकोम ने अपने बेटों को याद करते हुए एक भावुक ट्वीट किया, जिसे काफी पसंद किया जा रहा है। अपने ट्वीट में मैरीकोम ने लिखा कि मैं अपना गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स का गोल्ड मेडल अपने 3 बेटों रेचुंगवर, खुपनेवर और प्रिंस को समर्पित करती हूं। उन्होंने कॉल करके पूछा है कि मां, घर कब आ रही हो। मैं अपने कोच, सपोर्ट स्टाफ, बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया और साई को मुझमें विश्वास दिखाने के लिए धन्यवाद देती हूं।

बता दें कि एमसी मैरीकोम ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 के 45-48 किलोग्राम भार वर्ग में गोल्ड मेडल जीता है। मैरीकोम ने नॉर्दर्न आयरलैंड की क्रिस्टीना ओहारा को 5-0 से एकतरफा मात दी। इससे पहले मैरीकोम ने बीते साल वियतनाम में आयोजित हुई एशियन चैंपियनशिप में भी पांचवी बार गोल्ड मेडल जीता था। बता दें कि मैरीकोम पिछले काफी समय से खेल से दूर थी, लेकिन उसके बावजूद मैरीकोम ने कॉमनवेल्थ खेलों में जबरदस्त दबदबा बनाकर रखा। गोल्ड मेडल जीतने पर मैरीकोम ने कहा कि इतिहास बनाकर मैं बेहद खुश हूं। जीत हमेशा सुखद अहसास देती है। यह मेडल और बाकी सभी मेडल मेरे लिए बेहद खास हैं। इनके लिए मैंने काफी मेहनत की है।

 

गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में यह गोल्ड मेडल जीतकर एमसी मैरीकोम ने अपना कॉमनवेल्थ खेलों में पदक का सूखा भी खत्म कर दिया। इससे पहले 2014 के कॉमनवेल्थ खेलों के लिए मैरीकोम क्वालीफाई नहीं कर सकी थी और ट्रायल के दौरान मुक्केबाज पिंकी जांगड़ा से हार गई थी। अब कॉमनवेल्थ गोल्ड के अलावा मैरीकोम 2012 के लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक भी जीत चुकी हैं और 5 एमच्योर वर्ल्ड चैंपियनशिप के खिताब भी उनके नाम हैं। मैरीकोम के जीवन पर इसी नाम से एक फिल्म भी बन चुकी है। मैरीकोम फिलहाल राज्यसभा की सांसद भी हैं।

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