नागौर में मोहन भागवत और जिग्नेश मेवानी का आमना-सामना होना था, पहले ही रोके गये जयपुर एयरपोर्ट पर

गुजरात के निर्दलीय दलित विधायक जिग्नेश मेवानी को राजस्थान के नागौर जिले में प्रवेश करने से राजस्थान पुलिस ने रोक दिया। उन्हें रविवार (15 अप्रैल) को जयपुर हवाई अड्डे पर ही करीब दो घंटे से ज्यादा समय तक हिरासत में रखा गया और वापस अहमदाबाद जाने का दबाव बनाया गया। मेवानी नागौर में भारतीय संविधान और डॉ. अंबेडकर पर एक व्याख्यान देने जा रहे थे। नागौर में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत का भी कार्यक्रम था। मेवानी ने आरोप लगाया है कि जैसे ही उन्होंने जयपुर में लैंड किया, कुछ पुलिसकर्मी उनके पास आए और उनसे एक पेपर पर दस्तखत कराने की कोशिश करने लगे और बोलने लगे कि नागौर में प्रवेश पर प्रतिबंध है।

जिग्नेश मेवानी ने ट्वीट किया है, “डीसीपी ने कहा कि आप जयपुर में भी कहीं नहीं आ-जा सकते हैं। ये लोग मुझे जबरन वापस अहमदाबाद भेजना चाहते हैं। यहां कोई प्रेस कॉन्फ्रेन्स भी नहीं करने देना चाह रहे हैं। यह अंचभित करने वाला है।” मेवानी ने जब पूछा तो डीसीपी ने उन्हें बताया कि उन्हें ऊपर से बोला गया है। विधायक ने अपनी हिरासत को अवैध और अपहरण के समान बताया है।

जिग्नेश ने ट्वीट कर सवाल खड़े किए हैं और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर निशाना साधते हुए लिखा है, “अगर नागौर में संघ प्रमुख जाकर मनुस्मृति पर भाषण दे सकते हैं। वसुंधरा राजे को भी वहां जाने की इजाजत दी जा सकती है तो मुझे बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर के जीवनदर्शन पर बात करने से क्यों रोका जा रहा है। वसुंधरा जी हमारा भी वादा रहा, चुनाव में मजा आएगा।”

 

राजस्थान पुलिस की तरफ से तर्क दिया गया कि 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान जयपुर में कानू-व्यवस्था प्रभावित हुई थी। इस बंद में जिगेश मेवानी भी शामिल थे। इसलिए अगर आज के प्रस्तावित कार्यक्रम में जिग्नेश शामिल होते हैं तो फिर से शहर की कानून-व्यवस्था चरमरा सकती है। शहर में कानून-व्यवस्था कायम रहे इसके लिए धारा 144 लगाई गई है।

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