राष्ट्रमंडल खेल में खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन के बदौलत भारत कुल 66 पदक जीतकर तीसरे स्थान पर रहा
युवा खिलाड़ियों के जुनून और अनुभवी खिलाड़ियों के धैर्य की बदौलत भारत ने रविवार को समाप्त हुए राष्ट्रमंडल खेलों में अपना अब तक का तीसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और पदक तालिका में तीसरे स्थान पर रहा। मनु भाकर, मेहुली घोष और अनीष भानवाला की युवा निशानेबाजी तिकड़ी, मनिका बत्रा का टेबल टेनिस में ऐतिहासिक प्रदर्शन और भाला फेंक में नीरज चोपड़ा के स्वर्ण पदक ने साबित किया कि भारत के अगली पीढ़ी के स्टार खिलाड़ी दुनिया को चुनौती देने के लिए तैयार हैं। अनुभवी साइना नेहवाल ने अंतिम दिन महिला बैडमिंटन एकल का स्वर्ण पदक जीतकर 2010 खेलों की याद ताजा की जब उनके स्वर्ण पदक की बदौलत भारत ने कुल 100 पदक के आंकड़े को छू लिया था।
भारत गोल्ड कोस्ट में 26 स्वर्ण, 20 रजत और 20 कांस्य पदक के साथ कुल 66 पदक जीतकर तीसरे स्थान पर रहा जो ग्लास्गो में हुए पिछले खेलों की तुलना में दो स्थान बेहतर है। भारत को युवा और अनुभवी खिलाड़ियों के मिश्रण ने अच्छे नतीजे दिए। भारत ने 2010 मे नई दिल्ली खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 101 पदक जीते थे। इसमें 38 स्वर्ण पदक भी शामिल थे। भारत मैनचेस्टर 2002 खेलों में भी 30 स्वर्ण सहित 69 पदक जीतने में सफल रहा था। एमसी मैरीकॉम, सीमा पूनिया और सुशील कुमार जैसे खिलाड़ियों ने साथ ही साबित किया कि अनुभव की कभी अनदेखी नहीं की जा सकती। इन तीनों ने पुराने दिनों की याद ताजा करते हुए जोरदार प्रदर्शन किया। निशानेबाजों, भारोत्तोलकों, पहलवानों और मुक्केबाजों से अधिकतम पदकों की उम्मीद थी लेकिन टेबल टेनिस खिलाड़ियों ने इस बार शानदार प्रदर्शन करते हुए काफी पदक बटोरे। ग्लास्गो खेलों में सिर्फ एक पदक के बाद इस बार भारत के टेबल टेनिस खिलाड़ियों ने मनिका बत्रा की अगुआई में शानदार प्रदर्शन किया।
मनिका ने ऐतिहासिक व्यक्तिगत स्वर्ण पदक के अलावा टीम स्वर्ण, महिला युगल रजत और मिश्रित युगल कांस्य पदक भी जीता जो किसी भारतीय खिलाड़ी का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। दूसरी तरफ 34 साल के सुशील कुमार और 35 साल की मैरीकॉम ने साबित किया के वे अभी चुके नहीं हैं और उनमें काफी दम बाकी है। भारत ने इस बार अपने पदक के दायरे को बढ़ाया। देश ने स्क्वैश में भी पदक जीते। भारत ने निशानेबाजी में 16, कुश्ती में 12, भारोत्तोलन में नौ और मुक्केबाजी में भी नौ पदक जीते।