अब टैक्सी, ऑटो रिक्शा चलाने के लिए अलग कमर्शियल लाइसेंस जरूरी नहीं, सरकार का बड़ा फ़ैसला
कमर्शियल और पर्सनल कार या बाइक चलाने के लिए अलग-अलग ड्राइविंग लाइसेंस होते हैं। सरकार ने इस पर बड़ा फैसला लिया है। सरकार के इस फैसले से लोगों को बहुत राहत मिलेगी। दरअसल सरकार ने कहा है कि अब कमर्शियल और पर्सनल वाहन चलाने के लिए अलग लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी। हालांकि इसमें कुछ कैटेगरी भी होंगी। इसमें सभी कमर्शियल वाहनों को शामिल नहीं किया गया है। अब टैक्सी, ऑटो रिक्शा, ई रिक्शा और दो पहिया चालकों को कमर्शियल लाइसेंस की जरुरत नहीं होगी। बड़ी राहत ये है कि कमर्शियल वाहनों के लिए भी कमर्शियल लाइसेंस की जरुरत नहीं होगी। सड़क परिवहन मंत्रालय ने इस संबंध में एडवाइजरी कर दी है। आपको बता दें कि जिन वाहनों का वजन 7,500 किलो या 7.5 टन से कम होता है वह लाइट मोटर व्हीकल की कैटेगरी में आते हैं।
इसमें जिन वाहनों के लिए छूट दी गई है, उनमें बिना गियर वाली बाइक, गियर वाली बाइक, लाइट वेट कार, ई-रिक्शा ऑटो-रिक्शा शामिल हैं। ये एडवाइजरी सुप्रीम कोर्ट के जुलाई 2007 में दिए गए एक आदेश के बाद जारी की गई है। जिसमें ये कहा गया था कि गाड़ी का बीमा वाहन श्रेणी से संबंधित होता है, इसका लाइसेंस से कोई संबंध नहीं है। कैब-टैक्सी से एक्सीडेंट होने पर टैक्सी ड्राइवर के पास कमर्शियल लाइसेंस न होने के कारण बीमा क्लेम के प्रकरणों में वाहन का बीमा होते हुए भी यात्री और वाहन मालिक को कोई फायदा नहीं मिल पा रहा था। बीमा कंपनियां क्लेम प्रकरणों को खारिज करने के लिए इसका काफी दुरुपयोग भी कर रही थीं। इस कारण हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक में अपीलों की संख्या बढ़ रही थी।