अनिल अंबानी की कंपनी को रेलवे से मिला 774 करोड़ रुपये का ठेका
रिलायंस इंफ्रास्ट्रकचर लि. ने रेल विकास निगम लिमिटेड से 774 करोड़ रुपये का ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट, कंस्ट्रकशन) ठेका हासिल किया है। जिसके तहत पूर्वी तट रेलवे के जिमिडीपेटा और गोटलम के बीच तीसरी रेल लाइन का निर्माण किया जाएगा। यह रेललाइन 105 किलोमीटर लंबी होगी, जो आंध्र प्रदेश और ओडिशा के बीच बिछाई जाएगी। कंपनी को इस लाइन के सिविल, ट्रैक, इलेक्ट्रिफिकेशन, सिग्नलिंग और दूरसंचार स्थापित करने के काम का ठेका दिया गया है। इस अनुबंध के तहत रिलायंस इंफ्रा को 13 रेलवे स्टेशनों और स्टॉफ के लिए क्वार्टर का निर्माण भी करना है।
रिलायंस इंफ्रास्ट्रकचर ईपीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण गुप्ता ने कहा, ”रिलायंस इंफ्रा को रेलवे और मेट्रो परियोजनाओं में जटिल ईपीसी परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा करने का अनुभव है। यह अनुबंध रेलवे ईपीसी सेग्मेंट में हमारे प्रयास को दर्शाता है। रेल परिवहन प्रणाली के निर्माण में अग्रणी होने के लिए रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को और सशक्त बनाता है। कंपनी उभरते रेलवे बाजार में अच्छी तरह से बनी हुई है और एक बड़े हिस्से को पकड़ने के लिए तैयार है।”
बता दें कि जिमिडीपेटा और गोटलम के बीच की रेलवे लाइन टिटलागढ़-विजयानगरम खंड का हिस्सा है। वर्तमान में टिटलागढ़-विजयानगरम खंड में दोहरी लाइन (विद्युतीकृत) है। ये रेल लिंक झारसुगुडा और विशाखापत्तनम के बीच का महत्वपूर्ण रेल लिंक है। ये रेल लिंक पूर्व तटीय रेलवे में हावड़ा—मुंबई ट्रंक रूट और हावड़ा चेन्नई मुख्य लाइन के बीच वैकल्पिक रेल लिंक के तौर पर भी काम करता है। इसी रेलमार्ग के जरिए कोट्टावलसा—किरंदुल लाइन पर भुवनेश्वर, संबलपुर और रायगढ़ के साथ ही कोरापुट के लिए यात्री और माल भाड़े की ढुलाई की जाती है। ये रेल लाइन पश्चिमी ओडिशा और आंध्र प्रदेश से भी गुजरती है। इस रेललाइन के निर्माण से पूरे इलाके का विकास होगा।
प्रस्तावित योजना के मुताबिक, आने वाले पांच सालों में कुल सात लाख करोड़ रुपये के विकास कार्य इस इलाके में करवाए जाएंगे। जिसमें रेल लाइन का दोहरीकरण, नई रेल लाइन बिछाना, तेज स्पीड रेलवे, स्टेशनों का विकास और अन्य विकास कार्य शामिल हैं। रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड वर्तमान में करीब दो लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट के ठेके हासिल करने की दौड़ में है। कंपनी को उम्मीद है कि उसे वित्तीय वर्ष 2019 में करीब 50 हजार करोड़ तक के ठेके मिल सकते हैं।