केरल में सांप्रदायिक तनाव फैलाने की हो रही कोशिश, वायरल किए जा रहे वीडियो
मीडीया से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार केरल पुलिस का कहना है कि केरल में हड़ताल के दौरान सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश की गई। दरअसल, सोमवार को केरल में सोशल मीडिया के जरिए हड़ताल घोषित की गई थी। इसी हड़ताल के दौरान वहां दंगा भड़काने की कोशिश की गई। दंगा भड़काने के लिए वॉट्सऐप पर हड़ताल के दौरान तोड़फोड़ के वीडियो वायरल किए गए। बता दें कि जम्मू के कठुआ में हुए 8 साल की मासूम के साथ हुए गैंगरेप के विरोध में सोशल मीडिया के जरिए सोमवार को केरल में बंद का आयोजन किया गया था। एक हाई लेवल मीटिंग के बाद डीजीपी पुलिस लोकनाथ बेहरा ने मीडिया को बताया कि मामले की जांच की जा रही है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि सोशल मीडिया पर हड़ताल का आयोजन करने के पीछे कौन हैं।
उल्लेखनीय है कि सोमवार को हड़ताल के दौरान केरल के मलप्पुरम, कोझीकोड और कुन्नूर जिलों में कई जगह हिंसा की घटनाएं होने की खबर है। मलप्पुरम में हुई हिंसा की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल की गईं और इनकी मदद से सांप्रदायिक तनाव भड़काने की कोशिश की गई। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस बंद को मुस्लिम संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और इसकी राजनीतिक शाखा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी का समर्थन मिला हुआ था। पुलिस ने हड़ताल के दौरान हुई हिंसा के लिए मंगलवार शाम तक 951 लोगों को हिरासत में लिया है। इनमें से इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग 270 और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के 265 समर्थकों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार बाकी लोगों में 125 सीपीएम के कार्यकर्ता और 60 कांग्रेस के कार्यकर्ता शामिल हैं। बता दें कि भाजपा का एक भी कार्यकर्ता इस दौरान हिरासत में नहीं लिया गया है।
पुलिस ने हड़ताल के दौरान हुई हिंसा में 350 केस दर्ज किए हैं। वहीं, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के महासचिव केपीए मजीद का कहना है कि हड़ताल के पीछे उनकी पार्टी नहीं है। दूसरी तरफ, भाजपा ने सोशल मीडिया के मदद से हुई राज्यव्यापी हड़ताल और हिंसा के मामले की एनआईए से जांच की मांग की है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष कुम्मानम राजशेखरन का कहना है कि उत्तरी केरल में हड़ताल के दौरान सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश की गई। चरमपंथी केरल की सरकार में घुसपैठ कर चुके हैं।