कांग्रेस MLC का दावा: चाहे सोनिया लड़ें या प्रियंका, रायबरेली से लोकसभा चुनाव नहीं जीतेगी पार्टी

रायबरेली के वरिष्‍ठ कांग्रेसी नेता और दो बार विधान‍परिषद सदस्‍य रह चुके दिनेश प्रताप सिंह अब भाजपा में शामिल होने वाले हैं। शनिवार को राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में वह पार्टी में शमिल होंगे। सिंह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी ने पार्टी के गढ़ से उनके सबसे छोटे भाई को टिकट देने से शुरू में मना कर दिया था। कांग्रेस ने इन आरोपों का खंडन किया है। एमएलसी ने आगे कहा, ”चाहे सोनिया गांधी हों या प्रियंका गांधी, (2019) लोकसभा चुनावों में रायबरेली से कोई चुनाव जीत नहीं पाएगा।”

दिनेश ने द इंडियन एक्‍सप्रेस से बातचीत में कहा, ”मेरे भाई (राकेश सिंह) को विधानसभा चुनाव (2017) के लिए बीजेपी ने टिकट ऑफर किया था लेकिन मैंने उसे इसके लिए मना किया। क्‍योंकि यह गलत होता कि एक भाई कांग्रेस में है और दूसरा बीजेपी से लड़ रहा है। मैंने प्रियंका से उसे (राकेश) टिकट देने को कहा था, जिन्‍होंने पहले यह कहकर मना कर दिया कि रायबरेली में ठाकुरों को टिकट नहीं दिया जा सकता।” राकेश को बाद में रायबरेली की हरचंदपुर सीट से टिकट मिला और वह जीते भी।

सिंह ने आरोप लगाया, ”बाद में उन्‍होंने (प्रियंका) मुझे बुलाया और एमएलसी के तौर पर एडवांस में इस्‍तीफा देने को कहा। उन्‍होंने मुझे बताया कि अगर कांग्रेस और सपा गठबंधन होता है तो वह मेरा इस्‍तीफा मंजूर कर लेंगी और अपने किसी करीबी की जीत तय करेंगी। उन्‍होंने मेरे इस्‍तीफे की वीडियोग्राफी भी कराई, यह मेरे लिए बहुत अपमानजनक था।”

दिनेश प्रताप सिंह ने कहा, ”कांग्रेस को इतना कुछ देने के बाद मैं उम्‍मीद कर रहा था कि अगर कांग्रेस सरकार बनी तो कम से कम मंत्री तो बन ही जाऊंगा लेकिन मेरे वो सपने प्रियंका गांधी ने चकनाचूर कर दिए।” दिनेश के छोटे भाई अवधेश सिंह जो कि रायबरेली में जिला पंचायत चेयरमैन हैं, भी शनिवार को भाजपा में शामिल होने वाले हैं।

दिनेश के आरोपों को खारिज करते हुए कांग्रेस सचिव और रायबरेली में सोनिया के प्रतिनिधि केएल शर्मा ने कहा, ”ये आरोप गलत हैं। पहली बार, किसी से कोई इस्‍तीफा नहीं लिया गया था। रायबरेली में 5 विधानसभा सीटें हैं- 5 सामान्‍य और 1 आरक्षित। यह चर्चा हुई थी कि चारों सामान्‍य सीट पर ठाकुरों की मजबूत दावेदारी थी मगर आखिरकार उन सभी को टिकट मिला और किसी से इस्‍तीफा नहीं लिया गया।”

दूसरी तरफ, भाजपा शनिवार को होने वाली रैली की तैयारी कर रही है जिसमें कम से कम 1 लाख लोगों के शामिल होने की संभावना है।

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