भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ने भाजपा से तोड़ा नाता

पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने यहां शनिवार को भाजपा के साथ अपने संबंधों को तोड़ने की घोषणा करते हुए कहा कि वह भविष्य में किसी भी पद के दावेदार नहीं होंगे। उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज देश में लोकतंत्र खतरे में है। पटना में ‘राष्ट्रमंच’ के पहले अधिवेशन को संबोधित करते हुए सिन्हा ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि संसद का बजट सत्र सरकार के लोगों ने नहीं चलने दिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला रही थी, इस कारण सत्तारूढ़ पार्टी ने सदन में व्यवधान डाला।

चुनाव आयोग जैसे निष्पक्ष संवैधानिक संस्थाओं पर सरकार का दबाव रहने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता जिस तरह चुनाव आयोग ने रद्द की थी, उस पर उच्च न्यायालय को रोक लगानी पड़ी। उन्होंने राष्ट्रमंच को गैर राजनीतिक संगठन बताते हुए कहा कि इस मंच का राजनीति से कोई मतलब नहीं है लेकिन इसमें शामिल लोग देश में लोकतंत्र के लिए लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि देश की वर्तमान स्थिति पर हम लोग चुप रह तो आनेवाली पीढ़ी हमें कभी माफ नहीं करेगी।

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्रालय का दायित्व संभालने वाले सिन्हा ने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो, आयकर विभाग जैसी जांच एजेंसियां भी सरकार के दबाव में काम कर रही हैं। ऐसी स्थिति देश के लिए ठीक नहीं है। पटना में हुए इस ‘राष्ट्रमंच’ अधिवेशन में भाजपा नेता शत्रुघन सिन्हा, जद(यू) के उदय नारायण चौधरी समेत कांग्रेस की रेणुका चौधरी, राष्ट्रीय जनता दल के तेजस्वी यादव, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और आशुतोष व सपा नेता शामिल रहे।

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