जयपुर: ‘डार्क जोन’ बने कई इलाकों में जल संकट, आरोप- सरकार नहीं भेज रही पर्याप्त टैंकर
राजस्थान की राजधानी जयपुर भीषण जल संकट से जूझ रहा है। गर्मी अभी ढंग से दस्तक भी नहीं दे पाई है, उससे पहले ही यहां के कई इलाकों को डार्क जोन घोषित कर दिया गया है। डार्क जोन, वे इलाके बताए गए हैं, जहां पर जमीन के नीचे पानी कम होता जा रहा है। पानी की किल्लत के कारण यहां त्राहिमाम मचा हुआ है। लोगों का आरोप है कि उन्हें पर्याप्त पानी नहीं मिलता, जिससे उनका जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है।
डार्क जोन बताए गए इलाकों में जैसे ही सरकारी टैंकर आते हैं, लोग पानी के लिए टूट पड़ते हैं। बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग बूंद-बूंद पानी आने के लिए घंटों पानी की रबड़, बाल्टी और मग्घे लेकर इंतजार करते हैं। कुछ जगहों पर तो आलम यह है कि लोग कई किलोमीटर चलकर भीषण गर्मी और चिलचिलाती धूप के बीच सरकारी टैंकर से पानी भरने आते हैं।
पानी भरने के लिए लोग लाइन लगाते हैं। पहले अपनी रबड़ लगाने या बाल्टी भरने को लेकर आसपास के लोगों में झगड़ा भी होता है। खो नागोरियान इलाके में रहने वाले लोगों ने इस बाबत स्थानीय अधिकारियों से शिकायत भी की, मगर हालात जस के तस हैं।
लोगों का आरोप है कि वे इस समय पूरी तरह से सरकारी पानी के टैंकरों पर निर्भर हैं। ये टैंकर भी दो से तीन दिनों के अंतराल पर आते हैं, जिनमें सिर्फ चार से पांच हजार लोगों के लिए ही पानी होता है। ऐसे में अपर्याप्त पड़ता है और लोगों को पीने के लिए भी नहीं मिल पाता है।
जलदाय मंत्री ने इस संबंध में एक वेबसाइट से बात की। उन्होंने जलापूर्ति में आ रही समस्या के सभी आरोपों को गलत बताया है। उन्होंने कहा, “सरकार डार्क जोन में रोजाना प्रति व्यक्ति के हिसाब से 40 लीटर पानी मुहैया करा रही है। बेशक राजस्थान में पानी की दिक्कत है। मगर जहां जल स्तर नीचे चला गया है, वहां पर टैंकर भेजे जा रहे हैं।”