बुक्कल नवाब से नाराज हुए देवबंदी उलेमा, किया इस्लाम से खारिज, आजम खान ने दिया बड़ा बयान

समाजवादी पार्टी का दामन छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले बुक्कल नवाब मंदिर जाकर विवादों में घिर गए हैं। बुक्कल नवाब को दारुल उलूम देवबंदी उलेमाओं ने इस्लाम से खारिज कर दिया है। देवबंदी उलेमाओं का कहना है कि जो मुसलमान अल्लाह के अलावा किसी और की इबादत करते हैं, ऐसे लोग इस्लाम में रहने लायक नहीं हैं। बता दें कि बुक्कल नवाब ने बीते साल ही भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है और अब हाल ही में पार्टी ने उन्हें एमएलसी बनाकर इसका इनाम दिया है। एमएलसी बनने के बाद बुक्कल नवाब लखनऊ के हजरतगंज में स्थित मशहूर हनुमान मंदिर गए और वहां पूजा-अर्चना भी की। इस दौरान बुक्कल नवाब भगवा रंग के कपड़ों में दिखाई दिए और उन्होंने मंदिर में तांबे का बड़ा-सा घंटा भी दान दिया।

वहीं, जब बुक्कल नवाब से इस बारे में सवाल किया गया तो भाजपा एमएलसी ने कहा कि मुस्लिम होने के साथ ही मैं हनुमान भक्त भी हूं, भगवान राम की तरह भगवान हनुमान भी हमारे पूर्वज हैं। भारत का संविधान भी हमें किसी भी धार्मिक कार्य करने की पूरी आजादी देता है। बुक्कल नवाब ने कहा कि वह दोनों संप्रदायों को बांटने वाले किसी भी फतवे से नहीं डरते। वहीं, जब बुक्कल नवाब के खिलाफ जारी किए गए फतवे को लेकर सपा नेता आजम खान से सवाल किया गया तो आजम खान ने कहा, “किसने बुक्कल नवाब को इस्लाम से बाहर कर दिया है और क्यूं कर दिया है? कितने लोग इस्लाम के ठेकेदार बनेंगे और किस-किस को बाहर करेंगे? कौन मुसलमान है और कौन मुसलमान नहीं है, ये तय करने वाले वो लोग कौन होते हैं?”

बुक्कल नवाब से पहले एक और भाजपा नेता मोहसिन रजा भी अपने परिवार के सदस्यों के साथ हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना कर चुके हैं। इसके बाद रजा के खिलाफ भी देवबंदी उलेमाओं ने इसी तरह का फतवा जारी किया था। पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद भी एक हिंदू मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद उलेमाओं के निशाने पर आ चुके हैं। उल्लेखनीय है कि बुक्कल नवाब मंदिर में पूजा-अर्चना करने के साथ ही अयोध्या में राम मंदिर बनाने की वकालत भी कर चुके हैं। बुक्कल नवाब ने इससे पहले अयोध्या में राम मंदिर के लिए 10 लाख रुपए का सोने का मुकुट भी दान देने का भी एलान किया था।

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