कांग्रेस बोली- संविधान संकट में, आरक्षण खत्म करने की साजिश कर रही भाजपा
कांग्रेस के नेताओं ने आज केंद्र की मोदी सरकार पर संविधान और संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने तथा आरक्षण खत्म करने की साजिश करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ”संविधान बचाने” के लिए सभी को एकजुट होना होगा। ”संविधान बचाओ” अभियान की शुरुआत के मौके पर कांग्रेस नेताओं ने यह भी दावा किया कि मौजूदा सरकार में दलितों पर अत्याचार बहुत बढ़ गया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता पीएल पूनिया ने कहा, ””संविधान संकट में है। उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश यह बात कह रहे हैं।”” उन्होंने दावा किया, ””आरक्षण खत्म करने की साजिश हो रही है। बार बार इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं जिनसे लगता है कि आरक्षण निशाने पर है। सरकारी नौकरियों में दलितों की उपेक्षा हो रही है।”” पूनिया ने सरकार पर एससी-एसटी कानून को कमजोर करने का भी आरोप लगाया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा ने कहा, भाजपा की सोच समाज में दरार पैदा करने वाली है। इसी सोच के खिलाफ कांग्रेस और राहुल गांधी लड़ रहे हैं। आज दलित समाज और दूसरे समाज कांग्रेस के साथ खड़े हैं। दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अजय माकन ने कहा, भारत के संविधान और संवैधानिक संस्थाओं पर हमले किये जा रहे हैं। इन हमलों के खिलाफ सबको मिलकर लड़ाई लड़नी होगी।”” कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष नितिन राव ने कहा, ””इस सरकार में दलितों और आदिवासियों पर अत्याचार बहुत बढ़ गया है। इसकी वजह भाजपा और आरएसएस की जातिवादी विचारधारा है। ये लोग समाज को बांट रहे हैं। कांग्रेस के नेतृत्व में ही इन दलित विरोधी मंसूबों को विफल किया जा सकता है।’ कार्यक्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत, गुलाम नबी आजाद, दिग्विजय सिंह सुशील कुमार शिंदे, पी एल पूनिया और कई दूसरे वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
”संविधान बचाओ” अभियान की शुरुआत के मौके पर संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर के साथ पूर्व राष्ट्रपति के. आर. नारायणन, पूर्व उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार जैसे प्रमुख दलित नेताओं के योगदान को याद किया गया। कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने ”जय भीम” और ”बाबा साहेब अमर रहे” के नारे लगाए। कांग्रेस के ‘संविधान बचाओ’ अभियान का मकसद संविधान एवं दलितों पर कथित हमलों के मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर जोरशोर से उठाना है।
कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने बताया, ””इस कार्यक्रम में दिल्ली और देश के दूसरे हिस्सों से दलित समाज के लोग आए हैं। ये लोग मोदी सरकार की दलित और आदिवासी विरोधी नीतियों के खिलाफ राहुल गांधी के संघर्ष को समर्थन देने पहुंचे हैं।”” कार्यक्रम की शुरुआत साथ ही बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के अलावा पूर्व राष्ट्रपति के. आर. नारायणन और पूर्व उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम जैसे आजाद भारत के बड़े दलित नेताओं और दूसरे क्षेत्रों की दलित हस्तियों को याद किया गया। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार का भी जिक्र हुआ।
माना जा रहा है कि कांग्रेस ने ‘संविधान बचाओ’ अभियान 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दलित समुदाय के बीच अपनी पैठ बढ़ाने के प्रयास के तहत शुरू किया है। हाल के दिनों में उच्चतम न्यायालय द्वारा एससी-एसटी कानून में कथित तौर पर बदलाव के मुद्दे पर दलित आक्रोशित नजर आ रहे हैं। कांग्रेस इस मौके का लाभ उठाकर उन्हें अपने पक्ष में करने की जुगत में जुटी है। इसी को ध्यान में रखकर इस अभियान की शुरुआत की गई है।