मध्य प्रदेश के गृहमंत्री के अनुसार बच्चों के साथ बलात्कार और यौन शोषण को रोकने हेतु सरकार राज्य में पोर्न को बैन करने पर कर रही विचार

मध्य प्रदेश के गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह का मानना है कि बच्चों के साथ बलात्कार और यौन शोषण के मामले बढ़ने की वजह पोर्न है। यही वजह है कि उनकी सरकार राज्य में पोर्न को बैन करने पर विचार कर रही है। एक कार्यक्रम के दौरान राज्य के गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनकी सरकार केंद्र सरकार को पत्र लिखेगी, ताकि पोर्न साइट्स को बैन किया जा सके। गृहमंत्री के अनुसार, राज्य सरकार 25 पोर्न साइट्स को पहले ही बैन कर चुकी है।

भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि राज्य के गृह मंत्रालय ने एक अध्ययन किया है, जिसमें पता चला है कि पोर्नोग्राफी बच्चों पर बुरा असर डाल रही है। लड़के और लड़कियां इन पोर्न साइट्स से बहुत जल्दी प्रभावित हो जाती हैं। इन पोर्न साइट्स तक बच्चों की पहुंच भी बहुत आसान है। इससे बलात्कार और यौन शोषण के मामलों में बढ़ोत्तरी हो रही है। गृहमंत्री ने कहा कि हमने 25 पोर्न साइट को बैन कर दिया है, लेकिन हम पोर्नोग्राफी को कंट्रोल नहीं कर सकते। इसीलिए उनकी सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर पोर्न साइट्स पर बैन लगाने की मांग की है।

एमपी के गृहमंत्री केंद्र सरकार के उस अध्यादेश से भी काफी संतुष्ट नजर आए, जिसमें 12 साल से कम उम्र के बच्चों के बलात्कारी को फांसी की सजा देने का प्रावधान किया गया है। अब मध्य प्रदेश सरकार भी 12 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ बलात्कार करने पर आरोपी को फांसी की सजा देने के लिए जल्द ही विधानसभा में अध्यादेश लाने वाली है। भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि वह इस बात से सहमत हैं कि सख्त कानून बलात्कार जैसे अपराध रोकने के लिए काफी नहीं है। कुछ लोगों की मानसिकता ही अपराध करने की होती है, जो आदतन अपराधी होते हैं और सख्त कानून ऐसे अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए हैं। इस तरह के लोग समाज में रहने लायक नहीं है और उन्हें फांसी देना ही सही है।

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