मदरसे में बलात्कार मामले में रेप पीड़िता ने सुनाई मौलवी की जुल्म की कहानी: शोर में दब जाती थी आवाज
यूपी के साहिबाबाद में मदरसे से रविवार (22 अप्रैल) को 11 साल की मासूम को बचाया गया था। इस मामले में पीड़िता ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज करवाया है। मीडीया से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार मासूम ने बताया कि 21 अप्रैल को वह अपने घर से दुकान जाने के लिए निकली थी। तभी पड़ोस में रहने वाली एक दूसरी लड़की ने उसे अपने दोस्त से मिलने के लिए बुला लिया। ये पहली बार था, जब पीड़िता उस आरोपी से मिली जो उसे साहिबाबाद ले गया।
पुलिस ने पीड़िता के इसी बयान के बाद पॉक्सो एक्ट की धारा 4 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। मदरसे का मौलवी, जिसे पुलिस ने बुधवार को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था, गिरफ्तार हो सकता है। नाबालिग सहेली से भी पूछताछ हो सकती है। पीड़िता का आरोप है कि 17 साल के नाबालिग और मदरसे के मौलवी ने उसका यौन उत्पीड़न किया और उसे कमरे में बंद कर दिया। वह मदद के लिए चीखती रही, लेकिन उसकी चीखें बगल के कमरे में चल रही क्लास के कारण अनसुनी रह गई। पीड़िता ने बताया कि कुछ दूसरे लोगों ने भी उसे गलत तरीके से छुआ था। उनकी शिनाख्त की कोशिश भी की जा रही है।
मौलवी के कमरे से मिली पीड़िता: पुलिस ने पीड़िता को बचाने के लिए आॅपरेशन चलाया था। इस आॅपरेशन के दौरान पीड़िता को मदरसे के पहले खंड पर चटाई में लिपटा हुआ बरामद किया था। जिस कमरे में उसे बंद करके रखा गया था, उस कमरे का इस्तेमाल मदरसे का मौलवी कक्षाओं के दौरान आराम करने के लिए किया करता था। ये मकान स्थानीय मस्जिद कमेटी का है। मस्जिद कमिटी ने पिछले साल मौलवी को बच्चों को पढ़ाने के लिए तैनात किया था। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि कहीं मौलवी दूसरे बच्चों के अपहरण में भी तो शामिल नहीं है।
पुलिस खंगाल रही है कॉल रिकॉर्ड : पुलिस ने नाबालिग आरोपी के कॉल रिकॉर्ड की जांच की है। जांच में पता चला कि आरोपी की लोकेशन पीड़िता के गायब होने वाले दिन से हर वक्त पीड़िता के आसपास ही थी। क्राइम ब्रांच उसके कॉल रिकॉर्ड भी जांच रही है कि कहीं उसने कुछ और लोगों को तो पीड़िता के यौन उत्पीड़न के लिए नहीं बुलाया था। नाबालिग ने पुलिस को काउंसिलिंग के दौरान बताया कि वह मदरसे का ही छात्र था। वह उस लड़की से तब मिला जब उसका परिवार साहिबाबाद में रहा करता था। बाद में वो गाजीपुर शिफ्ट हो गए थे। इसके बाद उसने लड़की को लालच देना शुरू किया।
मेडिकल रिपोर्ट के इंतज़ार में पुलिस: वहीं, पीड़िता के घर वालों ने गाजीपुर पुलिस थाने के सामने प्रदर्शन किया और दूसरे आरोपी की गिरफ्तारी की भी मांग की। इस मामले पर संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) आलोक कुमार ने कहा, “पुलिस परिजनों के आरोपों की जांच कर रही है। मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार है, आगे की कार्रवाई उसी के आधार पर होगी।”
घटना से सदमे में है पीड़िता: वहीं पीड़िता के चाचा ने कहा, ”गैंगरेप के आरोप के बाद पीड़िता का दोबारा मेडिकल परीक्षण करवाया है। बुधवार को पीड़िता को काउंसिलिंग के लिए बाल गृह भेज दिया गया था। हम उन लोगों की गिरफ्तारी की भी मांग कर रहे हैं जो मदरसे में इस दौरान आए थे। बच्ची अभी भी सदमे में है और घटना को सही ढंग से बयान कर पाने की स्थिति में नहीं है।”