मनरेगा में बड़ी लापरवाही, 89 लाख लोगों के आधार नंबर सार्वजनिक

आंध्र प्रदेश में मनरेगा योजना में दर्ज 89 लाख लोगों के आधार डाटा को राज्य सरकार ने सार्वजनिक कर दिया है। द हिन्दू डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक जब गुरुवार (26 अप्रैल) को सुबह को हैदराबाद स्थित इंटरनेट सिक्युरिटी रिसर्चर कोडाली श्रीनिवास ने लीक की जानकारी दी तो तुंरत इन नंबरों को मास्क (धुंधला) कर दिया गया। आंध्र प्रदेश में बेनिफिट डिस्बर्समेंट पोर्टल (BDP) मनरेगा से जुड़े लोगों की मजदूरी, सोशल सिक्युरिटी पेंशन का हिसाब रखती है। राज्य में 89 लाख 38 हजार 138 लोगों ने अपने आधार अकाउंट को इस स्कीम के साथ लिंक करवाया है। इन सभी लोगों के नाम, गांव के नाम, जॉब कार्ड नंबर, आधार नंबर को वेबसाइट पर डाल दिया है। इस वेबसाइट पर कोई भी जा सकता है। कुल मिलाकर इस योजना में एक करोड़ 2 लाख लोग रजिस्टर्ड हैं। बेनिफिट डिस्बर्समेंट पोर्टल (BDP) की देखरेख एपी ऑनलाइन करती है।

आंध्र प्रदेश में ये कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले कथित रूप से स्टेट हाउसिंग कॉरपोरेशन ने लाभुकों के आधार नंबर, उनकी जाति, बैंक अकाउंट और दूसरी जानकारियों को सार्वजनिक कर दिया था। जब इस लीक की जानकारी कोडाली श्रीनिवास ने अधिकारियों को दी तो उन्होंने आधार नंबर और कुछ दूसरी व्यक्तिगत सूचनाएं वहां से हटा ली। हालांकि लगभग 45 लाख लोगों के बैंक अकाउंट नंबर, राशन कार्ड नंबर, जाति और दूसरी सूचनाएं अभी भी वेबसाइट पर मौजूद है। द हिन्दू के मुताबिक कोडाली श्रीनिवास ने कहा कि, “यह निजता का गंभीर उल्लंघन है, राज्य सरकार पारदर्शिता के नाम पर ऐसा कर रही है, लेकिन इसका इस्तेमाल राजनीतिक दल, व्यावसायिक संस्थाएं और बिजनेसमैन अपने हित के लिए कर सकते हैं।

राज्य के प्रिंसिपल सेक्रेटरी के विजयानंद ने कहा कि हाउसिंग कॉरपोरेशन की वेबसाइट द्वारा डाटा लीक के मामले में जांच के आदेश दे दिये गये हैं। हालांकि राज्य के सूचना तकनीक विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को इस बात की जानकारी नहीं है कि आधार डाटा बीडीपी पर मौजूद है। के विजयानंद का कहना है कि राज्य सरकार ने हाल ही में आंध्र प्रदेश सायबर सिक्युरिटी ऑपरेशंस सेंटर की शुरुआत की है। उन्होंने कहा, “एक सप्ताह के अंदर सभी चीजें स्ट्रीमलाइन हो जाएंगी, हम पूरी सावधानी बरतेंगे कि लोगों की सूचनाएं नयी केन्द्र द्वारा सार्वजनिक नहीं की जाए।”

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