तीन साल की बेटी और 100 करोड़ की जायदाद छोड़ संन्यासी बनेगा यह जैन जोड़ा

मध्य प्रदेश के एक जैन कपल ने संन्यासी बनने का फैसला कर लिया है। संन्यासी बनने के साथ ही यह जोड़ा अपनी तीन साल की बेटी और करीब 100 करोड़ की प्रोपर्टी को भी छोड़ देगा। हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, यह फैसला सुमित राठौड़ और उनकी पत्नी अनामिका ने लिया है। दोनों 23 सितंबर 2017 को गुजरात के सूरत में सुधामार्गी जैन आचार्य रामलाल महाराज के सामने दीक्षा लेंगे। यह संन्यासी बनने का सबसे पहला कदम होता है।

दोनों का फैसला सुनकर परिवार वाले काफी हैरान थे। दोनों के परिवार की राजनीति और बिजनेस में अच्छी पकड़ है। सभी के दिमाग में सवाल था कि उनकी बेटी इभाया का क्या होगा? अब अनामिका के पिता अशोक शांडिल्य ने उसको संभालने का फैसला किया है। वह नीमच के भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष रह चुके हैं।

दोनों को मनाने की कोशिश की गई थी लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। पहले सुमित ने यह फैसला लिया था लेकिन फिर जब उन्होंने अनामिका को यह बात बताई तो उन्होंने भी संन्यासी बनने का फैसला कर लिया। सुमित ने तो इभाया के आठ महीने की होने पर भी यह निर्णय कर लिया था कि वह संन्यासी बनेंगे।

अनामिका को आठवीं क्लास की बोर्ड की परीक्षा में टॉप करने पर गोल्ड मेडल मिल चुका है। उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। वहीं सुमित लंदन से पढ़ाई करके आए हैं।

लोगों का कहना है कि ऐसा शायद पहली बार हो रहा है कि कोई युवा शादीशुदा जोड़ा अपने छोटे से बच्चे को को छोड़ दीक्षा लेने का फैसला कर चुका है।

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