Facebook के सीईओ मार्क जुकरबर्ग को कोर्ट ने जारी किया समन
भोपाल की एक स्थानीय अदालत ने अमेरिकी कंपनी फेसबुक एवं इसके सीईओ मार्क जुकरबर्ग को समन जारी करके 20 जून को अदालत में पेश होने के आदेश दिये हैं। भोपाल जिला अदालत के सिविल न्यायाधीश पार्थशंकर मिश्र ने स्टार्टअप कंपनी ‘द ट्रेड बुक’ के संस्थापक स्वप्निल राय की याचिका की सुनवाई के बाद यह समन जारी किया । याचिकाकर्ता ने याचिका में आरोप लगाया है कि सोशल नेटर्विकंग की जानीमानी कंपनी फेसबुक उसके कारोबार में हस्तक्षेप करके अवरोध उत्पन्न कर रही है। मिश्र ने 23 अप्रैल को अपने आदेश में कहा, ‘‘जुकरबर्ग इस मामले में मेरी अदालत में जवाब एवं वादोत्तर प्रस्तुत करने हेतु 20 जून 2018 को पेश हों।’’ न्यायाधीश ने निर्देश दिये हैं कि इन समनों को ई-मेल के जरिये तामील कराया जाये।
राय के वकील रविकांत पाटीदार ने आज बताया कि मेरे मुवक्किल स्वप्निल राय पोर्टल ‘डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.द ट्रेड बुक.ओआरजी’ चलाता है। उसने सोशल नेटर्विकंग साइट ‘फेसबुक’ पर मुकदमा दायर किया है। राय ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि फेसबुक ने उसके (राय) कारोबार को प्रमोट करने वाले ‘पेड एडवरटिजमेंट कैंपेन’ को बीच में ही रोक दिया है। इस याचिका की सुनवाई पर अदालत ने जुकरबर्ग को समन जारी किया है।
पाटीदार ने कहा कि यह कैंपेन इस साल 14 अप्रैल से 21 अप्रैल तक चलाई जानी थी , लेकिन फेसबुक ने इसे ‘अचानक अनुचित तरीके से’ 16 अप्रैल को ही रोक दिया।
उन्होंने बताया कि इस कैंपेन का मकसद वेबसाइट ‘डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.द ट्रेड बुक.ओआरजी’ को प्रमोट करना था। पाटीदार ने कहा कि ‘द ट्रेड बुक’ के जरिये मेरे मुवक्किल राय एक यूनीक कंसेप्ट पर काम कर रहे हैं, जिसे ‘ट्रेड फीड’ का नाम दिया गया है, जो भारतीय ट्रेड मार्क एवं पेटेंट आफिस में रजिस्टर्ड मार्क है।
उन्होंने बताया कि मेरे मुवक्किल ने अपनी याचिका में कहा है कि जब उसका कारोबार समूचे विश्व में बढ़ रहा था और उसे फायदा हो रहा था, उसी वक्त फेसबुक ने बिना कोई कारण बताये उसके ‘पेड कैंपेन’ को अनुचित तरीके से बाधित कर दिया।
उन्होंने कहा कि इस सिविल मुकदमे में मांग की गई है कि फेसबुक को ‘द ट्रेड बुक.ओआरजी’ के व्यापार में हस्तक्षेप करने एवं ट्रेड मार्क में उल्लंघन करने से रोका जाये। पाटीदार ने बताया कि इसके अलावा, इसमें मांग की गई है कि ‘द ट्रेड बुक.ओआरजी’ पेज को फेसबुक द्वारा दुबारा चालू किया जाये तथा फेसबुक यह सुनिश्चत करे कि सही व्यापार प्रभावित नहीं हो। याचिकाकर्ता राय ने कहा, ‘‘मैं मार्क जुकरबर्ग को बहुत सम्मान देता हूं। जुकरबर्ग ने (फेसबुक के जरिये) लोगों को जोड़कर महत्वपूर्ण काम किया है। लेकिन अपनी शिकायतों को दूर करने के लिए मेरे पास अदालत का दरवाजा खटखटाने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं था।’’