सरकारी नौकरी के लिए मेडिकल टेस्ट के दौरान अभ्यर्थियों के सीने पर SC/ST लिख अलग किया गया

मध्य प्रदेश के धार जिले से सनसनीखेज मामला सामने आया है। मध्य प्रदेश के धार जिले के जिला अस्पताल में आरक्षकों की भर्ती के लिए मेडिकल परीक्षण की प्रकिया चल रही थी। आरोप है कि इस दौरान अभ्यर्थियों के सीने पर उनकी जाति लिख दी गई। जैसे ही ये खबर मीडिया में प्रसारित हुई तो अधिकारियों में खलबली मच गई। अब अफसरों ने इस मामले में सफाई देना शुरू कर दिया है।

दरअसल, साल 2017 में मध्य प्रदेश सरकार ने पुलिस विभाग में ​आरक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। मध्यप्रदेश पुलिस में सहायक उपनिरीक्षक कम्प्यूटर प्रधान आरक्षक, कम्प्यूटर आरक्षक, संवर्ग भर्ती वर्ष 2017 में कुल 14 हजार 88 रिक्त पदों पर भर्ती हेतु प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा लिखित परीक्षा का आयोजन कराया गया था। लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण उम्मीदवारों की शारीरिक दक्षता परीक्षा एवं दस्तावेज परीक्षण का कार्य 10 दिसम्बर से 21 दिसम्बर 2017 तक विभिन्न परीक्षा केन्द्रों पर कराया गया था। इसके बाद बारी मेडिकल परीक्षण की थी।

मध्य प्रदेश के धार जिला अस्पताल में आरक्षकों के भर्ती की प्रकिया चल रही थी। इसी बीच जनरल कैटेगरी और एससी-एसटी कैटेगरी के अभ्यर्थियों को अलग खड़ा होने के लिए कहा गया था। इसके बाद सभी एससी-एसटी उम्मीदवारों की छाती पर उनकी जाति को लिख दिया गया। जब इसकी खबर मीडिया में वायरल हुई तो अफसरों में खलबली मच गई। अफसरों ने इस मामले पर अपनी मंशा को साफ बताया है। कहा जा रहा है कि ऊंचाई नापने में कोई गड़बड़ न हो इसलिए ऐसा किया जाता है। क्योंकि सामान्य वर्ग के लिए ऊंचाई 168 सेमी है तो एससी और एसटी उम्मीदवारों के लिए ऊंचाई का मानक 165 सेमी है। अस्पताल के कुछ लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि अस्पताल के कर्मचारियों ने सहूलियत की वजह से ही ऐसा किया होगा। किसी को अपमानित करने की मंशा नहीं थी।

जिले के एसपी वीरेन्द्र सिंह ने इस पूरे मामले पर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि पुलिस की ओर से जातियां लिखने का निर्देश ​नहीं दिया गया था। भर्ती में सहूलियत हो और कोई अभ्यर्थी किसी दूसरे से मिल न जाए इसलिए ऐसा लिखा गया होगा। इसके पीछे किसी को ठेस पहुंचाने या अपमानित करने की कोइ भावना नहीं थी।

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