राजनाथ सिंह बोले-लोग राजनीति का मतलब पीठ में चाकू मारने, झूठ और धोखा समझने लगे हैं

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि मौजूदा समय राजनीति के प्रति धारणा ही बदल गई है। अब इसे पीठ में चाकू मारने वाली, पैर खींचने वाली, झूठ और धोखा देने वाली ही माना जाता है। मगर ऐसा नहीं है। राजनीति का अर्थ व्यवस्था को सही मार्ग पर ले जाना है। राजनीति जैसे हाथों में जाती है, वैसी बन जाती है। उन्होंने उदाहरण गिनाते हुए कहा कि राजनीति राम के हाथों में गई तो भक्ति हो गई, कृष्ण के पास तो युक्ति हो गई। वहीं गांधी-सुभाष के हाथ में राजनीति गई तो शक्ति बन गई और अशफाक के हाथ में मुक्ति का माध्यम बनी।

राजनाथ सिंह ने कहा कि अगर भ्रष्ट नेता के हाथ में राजनीति गई तो वह संपत्ति और अराजक लोगों के हाथ में जाने पर विपत्ति बन जाती है। राजनाथ सिंह ने कह कि आजादी से पहले भी राजनीति होती थी। भगवान राम से लेकर गांधी, आजाद सभी ने राजनीति की, मगर अंतर चरित्र और नैतिक मूल्यों के प्रति समर्पण का था।
लखनऊ के इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (आईईटी) में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से आयोजित संगोष्ठी में राजनाथ सिंह ने युवाओ का आह्वान किया कि वे देश को सही दिशा देने वाली राजनीति को फिर से स्थापित करने की कोशिश करें।21वीं सदी के भारत के विकास में युवाओं की भूमिका विषय संगोष्ठी में राजनाथ सिंह ने कहा कि नौजवान को सिर्फ रोजगार और विकास तक ही नहीं सीमित रहना चाहिए। नौजवानों को महज रोजगार का उपकरण नहीं बनना चाहिए। उन्हें राष्ट्र निर्माण में बढ़-चढ़कर महत्वपूर्ण भूमिका होनी चाहिए।

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